
कोलकाता, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
तृणमूल कांग्रेस की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक रैली 21 जुलाई ‘शहीद दिवस’ से पहले तैयारियों का दौर तेज हो गया है। इस बार यह रैली विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले की अंतिम शहीद दिवस रैली है। इसी को देखते हुए पार्टी इसे एक भव्य आयोजन बनाने की योजना पर काम कर रही है। मंगलवार को कोलकाता के विक्टोरिया हाउस के सामने रैली के लिए मंच-निर्माण की शुरुआत पारंपरिक ‘खूंटी पूजा’ से होगी, जिसमें तृणमूल के शीर्ष नेता शामिल रहेंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही यह कह चुकी हैं कि 21 जुलाई और बारिश का पुराना रिश्ता है। हर साल की तरह इस बार भी मौसम विभाग ने 21 जुलाई को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में पार्टी और पुलिस-प्रशासन दोनों के सामने बड़ी चुनौती है।
मौसम विभाग ने आगामी सात दिनों तक बंगाल में अस्थिर मौसम और भारी वर्षा का पूर्वानुमान जताया है। कोलकाता की कई सड़कें पहले से ही जलजमाव से प्रभावित हैं। आयोजन स्थल मैदान में भी कीचड़ और पानी भर चुका है, जो रैली में आने वाले हजारों समर्थकों की गाड़ियों की पार्किग को लेकर बड़ा संकट पैदा कर रहा है।
पारंपरिक तौर पर शहीद दिवस रैली में भाग लेने के लिए दूर-दराज के जिलों से हजारों कार्यकर्ता और समर्थक कोलकाता पहुंचते हैं। उनकी गाड़ियां आमतौर पर मैदान में खड़ी की जाती हैं, लेकिन इस बार वहां जलजमाव और कीचड़ के चलते पार्किग की कोई व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है।
लालबाजार ट्रैफिक विभाग इस समस्या के समाधान में जुटा है। जानकारी के मुताबिक, एपीसी रोड, बड़ा बाजार, पोस्ता, आशुतोष मुखर्जी रोड, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रोड और जवाहरलाल नेहरू रोड जैसे क्षेत्रों में वैकल्पिक पार्किग की योजना पर विचार हो रहा है।
यदि मौसम में सुधार नहीं होता और बारिश बंद होने के बाद कम से कम 72 घंटे का समय नहीं मिला, तो मैदान को वाहनों के लिए उपयोग लायक बनाना लगभग असंभव होगा। साथ ही, 21 जुलाई सोमवार को पड़ रहा है, जो एक व्यस्त कार्य दिवस है। ऐसे में रैली और सामान्य यातायात को एक साथ संभालना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
प्रशासनिक सुगमता के लिए 20 जुलाई की रात से ही शहर में मालवाहक गाड़ियों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी, जिससे ट्रैफिक का दबाव कुछ हद तक कम किया जा सके।
इस बीच ‘ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन’ ने कोलकाता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें यह मांग की गई है कि 21 जुलाई को होने वाले आयोजन के दौरान आम जनता को किसी तरह की असुविधा न हो। अदालत ने स्पष्ट किया है कि आमजन की सुविधा सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी होगी।
गौरतलब है कि 21 जुलाई की शहीद दिवस रैली जहां तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का मंच है, वहीं कोलकाता पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी परीक्षा बनने जा रही है। बारिश, पार्किंग और ट्रैफिक प्रबंधन की इन चुनौतियों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी और प्रशासन मिलकर इस आयोजन को कितनी सफलता से अंजाम देते हैं।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
