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हरियाणा के राज्यपाल होते ही बोले बंगाल के असीम घोष, जिस दिन बंगाल अपनी पुरानी गौरवशाली पहचान लौटाएगा, उसका इंतजार है

असीम घोष

कोलकाता, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य राजनीति के एक पुराने और चर्चित चेहरे असीम घोष को हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को उनकी नियुक्ति की घोषणा की। असीम घोष पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और अब वे हरियाणा के 19वें राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

असीम घोष ने अपनी नियुक्ति के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह एक बड़ा दायित्व है। यह एक संवैधानिक पद है, और मैं पूरी निष्ठा से संविधान के अनुरूप कार्य करूंगा। मुख्यमंत्री (नयाब सिंह सैनी), उनके मंत्रिमंडल और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर हरियाणा के विकास के लिए काम करूंगा। कोशिश करूंगा कि मुख्यमंत्री को सही सुझाव दे सकूं।

38 वर्षों तक शिक्षण कार्य से जुड़े रहने के बाद असीम घोष ने लगभग 15 वर्षों तक सक्रिय राजनीति में भाग लिया। अब वे पहली बार किसी संवैधानिक पद की जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं।

शिक्षा और जनजातीय समुदायों के विकास पर रहेगा विशेष ध्यान (Udaipur Kiran) से विशेष बातचीत में घोष ने कहा कि वे हरियाणा जाकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे और यह जानने का प्रयास करेंगे कि राज्य के विकास में कैसे सहयोग किया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका विशेष फोकस राज्य में शिक्षा के क्षेत्र-विशेष रूप से बेटियों की शिक्षा और जनजातियों एवं अन्य पिछड़े समुदायों के उत्थान पर रहेगा।

पश्चिम बंगाल को लेकर कही बड़ी बातहावड़ा निवासी असीम घोष ने पश्चिम बंगाल के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब बंगाल अपनी पुरानी गौरवशाली पहचान को पुनः प्राप्त करेगा। आज राज्य में अनेक समस्याएं हैं। एक दिन यह अंधकारमय समय जरूर समाप्त होगा। लड़कियां निडर होकर स्कूल और कॉलेज जा सकेंगी, माता-पिता को चिंता नहीं करनी पड़ेगी। जिस तरह बंगाल में एक समय उद्योग का स्वर्णिम युग था, उसे पुनः लाने के लिए शासक और विपक्ष दोनों को मिलकर प्रयास करना होगा। यह सभी की जिम्मेदारी है।

पूर्व भाजपा अध्यक्षों की परंपरा को आगे बढ़ायाअसीम घोष से पहले भी पश्चिम बंगाल भाजपा के कई पूर्व अध्यक्ष राज्यपाल रह चुके हैं। विष्णुकांत शास्त्री वर्ष 1999 में हिमाचल प्रदेश और 2000 में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बने थे। वहीं, तथागत रॉय 2015 में त्रिपुरा और 2018 में मेघालय के राज्यपाल बनाए गए थे। अब असीम घोष इस परंपरा की अगली कड़ी बने हैं।

हालांकि अभी तक उन्हें राज्यपाल पद की शपथ लेने संबंधी आधिकारिक पत्र नहीं मिला है, लेकिन उन्होंने कहा कि जैसे ही राष्ट्रपति कार्यालय से औपचारिक पत्र प्राप्त होगा, वे हरियाणा के लिए रवाना हो जाएंगे। घोष ने स्पष्ट किया कि कार्य भले ही हरियाणा में होगा, लेकिन उनका मन हमेशा बंगाल से जुड़ा रहेगा।————

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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