
जयपुर, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने पहचान (आईडी) दस्तावेजों के दुरुपयोग से जुड़े बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए आमजन के लिए एडवाइजरी जारी की है। साइबर अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार सिंह के अनुसार साइबर अपराधी अब नई तकनीकों और नेटवर्किंग के जरिए नागरिकों की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अपराधी मोबाइल सिम विक्रेताओं की मिलीभगत से अथवा अन्य माध्यमों से आमजन द्वारा जमा किए गए केवाईसी दस्तावेजों की प्रतियां हासिल कर लेते हैं। इन दस्तावेजों के ज़रिए न सिर्फ फर्जी सिम कार्ड जारी करवाए जा रहे हैं, बल्कि कभी-कभी नए मोबाइल फोन भी खरीदे जा रहे हैं, जिन्हें बाद में अपराधियों को बेच दिया जाता है। कई मामलों में इन दस्तावेजों का उपयोग कर बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी बैंक खाते भी खुलवाए जा रहे हैं। इन खातों और सिम कार्डों का उपयोग साइबर धोखाधड़ी में किया जाता है।
राजस्थान पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे निम्न सावधानियाँ बरतें:
नया सिम कार्ड लेते समय केवल बायोमेट्रिक (अंगूठे/उंगली के निशान) अथवा डिजिटल केवाईसी पद्धति का उपयोग करें, जिससे दस्तावेजों के दुरुपयोग की आशंका कम हो जाती है।
दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित ‘संचार साथी’ ऐप के टैफकॉप मॉड्यूल का उपयोग कर यह जाँचा जा सकता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल नंबर जारी हैं।
अनजान सिम की शिकायत करें: यदि किसी ऐसे मोबाइल नंबर की जानकारी मिले जो आपकी जानकारी में न हो, तो संचार साथी ऐप के माध्यम से इसकी शिकायत तुरंत दर्ज करें।
यदि आप किसी धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी है, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें, [www.cybercrime.gov.in](http://www.cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें या नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
(Udaipur Kiran)
