
बिलासपुर , 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रदेश में साइबर अपराध के प्रकरणों के लिए अहम इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए विशेषज्ञ नहीं होने को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की डिवीज़न बैंच में हुई आज की सुनवाई में हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता से कहा कब तक होगी नियुक्ति..? जिस पर केंद्र सरकार का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने कहा कि एक के बाद एक तीन चरणों को पूरा कर ही सायबर विशेषज्ञ की नियुक्ति की जा सकती है। पहले चरण में फॉरेंसिक लैब की स्थापना है। इसके बाद अन्य दो चरणों के पूरे होने बाद नोटिफिकेशन जारी की जाएगी। इस प्रक्रिया में सितंबर 2025 तक का समय लगेगा। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा केंद्र से कहा कि, समाज की भलाई के लिए आपने एक संस्था बनाई है और आप उसका हेड बना रहे हैं, अगर उसकी नियुक्ति में इतनी जटिलताएं होंगी तो पूरा मामला ऐसा ही होगा।
दरअसल शिरीन मालेवर ने अधिवक्ता रुद्र प्रताप दुबे और गौतम खेत्रपाल के माध्यम से जनहित याचिका दायर की है। पहले हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि देश भर में 16 जगह पर एक्सपर्ट की नियुक्ति की गई है। यह नियुक्ति केंद्र सरकार के द्वारा की जाती है फिलहाल छत्तीसगढ़ प्रदेश में किसी एक्सपर्ट की नियुक्ति नहीं हुई है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि आईटी अधिनियम राज्य के लिए धारा 79 के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का कोई परीक्षक नहीं है, इस पद पर नियुक्ति की जाए।
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है। साइबर अपराध हो रहे हैं, इसलिए ऐसे एक्सपर्ट की नियुक्ति बहुत जरूरी है। गंभीरता को समझकर तत्काल निर्णय लें। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य शासन के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य के अनुरोध पर, भारत संघ की एक टीम ने साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला का निरीक्षण किया और उन्होंने कुछ कमियां बताईं थी। टीम द्वारा बताई गई कमियों को दूर कर दिया गया है और केंद्र से अनुरोध किया गया है। वही तीन चरण ऑन की प्रक्रिया में एक चरण को पूरा किया गया है और उसकी कुछ जानकारी बाकी है। बचे हुए दो चरणों को पूरा करने के बाद नोटिफिकेशन जारी करते हुए प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखने वाले अधिवक्ता ने इन प्रक्रियाओं को पूरा होने को लेकर दो महीने का समय बताया जिस पर कोर्ट ने और अधिक समय नहीं देने की बात कहते हुए कहा हम आशा और विश्वास करते हैं कि जल्द नियुक्ति की जाएगी। वहीं इस मामले को अक्टूबर 2025 में सुनवाई को लेकर के रखा है। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 6 अक्टूबर 2025 रखी गई है।
(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
