Jharkhand

छावनी परिषद के विलय को लेकर कमेटी की अंतिम बैठक संपन्न

रामगढ़ छावनी परिषद कार्यालय

रामगढ़, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । छावनी परिषद का नगर परिषद में विलय को लेकर बनी अंतर विभागीय कमेटी अपने निर्णय पर पहुंच चुकी है। सभी विभागों को मिलाकर बनाई गई कमेटी ने अपने स्तर से रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। जल्द ही राज्य सरकार को यह रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि अब अंतर विभागीय कमेटी की कोई बैठक नहीं होगी। रक्षा मंत्रालय की ओर से बताए गए शर्तों के आधार पर राज्य सरकार इसका विलय स्वीकार कर लेगी। रामगढ़ छावनी परिषद के आम नागरिकों के बीच पिछले दो वर्षों से यह मुद्दा काफी चर्चा में है। आम नागरिक यह चाहते हैं की छावनी परिषद का विलय नगर परिषद में हो जाए, ताकि शहर के विकास को गति मिल सके। विलय की इस प्रक्रिया में देरी होने की वजह से सफाई, नाली निर्माण सड़कों के निर्माण नहीं हो पा रहे हैं। साथ ही ऐसी कई अन्य योजनाएं हैं जिसका लाभ आम नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है।

छावनी क्षेत्र में चल रहे कई विभाग थे अड़चन

रामगढ़ छावनी क्षेत्र में कई विभागों का काम सक्रिय रूप से चल रहा है। अस्पताल, विद्यालय, पेयजल, बिजली, सफाई, सड़क निर्माण, संपत्ति का रेंट एसेसमेंट, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे कार्यों का निष्पादन एक ही कार्यालय से होता आ रहा है। नगर परिषद के कार्यालय में ऐसे कई कार्य हैं जो वर्तमान स्थिति में संचालित नहीं होते हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से दिए गए शर्तों के आधार पर सीधे नगर परिषद इतना बड़ा बोझ उठाने के लिए योग्य नहीं था। राज्य सरकार के निर्देश पर अंतर विभागीय कमेटी बनी जिसमें शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, वित्त विभाग को शामिल किया गया। सभी विभागों ने मिलकर अपनी रिपोर्ट तैयार की, जिसके आधार पर रामगढ़ छावनी परिषद का विलय नगर परिषद में हो सकता है।

सरकार को जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट

रामगढ़ नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि अंतर विभागीय कमेटी की अंतिम बैठक संपन्न हो चुकी है। सभी विभागों ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। जल्द ही सरकार को यह रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। उन्‍होंने कहा कि जो लोग छावनी परिषद की नौकरी से सेवानिवृत हो चुके हैं, उन्हें केंद्र सरकार ही पेंशन देगी। वहीं जो लोग नगर परिषद में सेवा देंगे उन्हें राज्य सरकार वेतन और पेंशन मुहैया कराएगी। इसके अलावा विभिन्न विभागों को कार्यों के हिसाब से छावनी क्षेत्र का एरिया हस्तांतरित होगा। यहां तक की भूमि का हस्तांतरण भी विभागों के आधार पर ही होगा।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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