West Bengal

लगातार बारिश और डीवीसी द्वारा जल छोड़े जाने से पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ का खतरा, प्रशासन सतर्क

लगातार बारिश और डीवीसी द्वारा जल छोड़े जाने से पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ का खतरा, प्रशासन सतर्क

कोलकाता, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही भारी बारिश और झारखंड से छोड़े गए पानी के कारण पश्चिम बंगाल के कई जिलों, विशेषकर पूर्व एवं पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, हुगली और पूर्व बर्दवान में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

दरअसल, झारखंड में हो रही मूसलधार बारिश के कारण दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) ने बिना राज्य सरकार को जानकारी दिए ही जलाशयों से पानी छोड़ना शुरू कर दिया है। इसको लेकर राज्य सरकार ने नाराजगी जाहिर की है।

राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने कहा कि पिछले साल जून में मेदिनीपुर में 587.06 मिमी बारिश हुई थी, जबकि इस साल छह जुलाई तक 1126 मिमी बारिश हो चुकी है। अपने जीवन में मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा। हम दोनों ओर से सैंडविच हो रहे हैं। एक तरफ भारी बारिश, दूसरी ओर डीवीसी की मनमानी। आज भी डीवीसी ने राज्य को बिना बताए 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया। मैथन, पंचेत और दुर्गापुर बैराज मिलकर बंगाल को पूरी तरह सैंडविच बना रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं स्थिति पर नजर रख रही हैं और नियंत्रण कक्ष से नियमित निगरानी कर रही हैं। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री 24 घंटे में से 21 घंटे जागकर राज्य की निगरानी कर रही हैं। मैं खुद डेढ़ महीने से लगातार जिलों का दौरा कर रहा हूं। ग्रामीणों से हाथ जोड़कर अपील कर रहा हूं कि वे भी प्रशासन की मदद करें, तभी मिलकर हम इस आपदा से लड़ सकते हैं।

शनिवार को मंत्री ने पांशकुड़ा बीडीओ कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। पिछले साल पांशकुड़ा के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इस बार ऐसी स्थिति से निपटने के लिए मंत्री ने पर्याप्त खाद्य सामग्री, तिरपाल, दवाइयों आदि के भंडारण के निर्देश दिए हैं। बैठक में जिले के पुलिस अधीक्षक सौम्यदीप भट्टाचार्य भी मौजूद थे।

सिंचाई मंत्री ने बताया कि प्रभावित जिलों के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क रखा जा रहा है। राहत शिविर, सूखा भोजन, तिरपाल आदि की व्यवस्था की जा चुकी है। मुख्यमंत्री स्वयं पूरे हालात पर नजर रख रही हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय

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