
अनूपपुर, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य व जिले के अंतिम छोर कहे या प्रवेस द्वार जहां ट्रेन का इंजन छत्तीसगढ़ में तो बोगियां मप्र में खड़ी होती हैं। जहां स्थित वेंकटनगर क्षेत्र की जनता कोरोना के पांच साल बाद भी ट्रेन ठहराव की समस्या को लेकर लगातार जूझ रही है। ट्रेनों के ठहराव को लेकर सांसद द्वारा 4 वर्षो में रेलमंत्री से कई बार मिलकर समस्या भी बताई जा रही पर रेलमंत्री द्वारा सासंद हिमद्रि सिंह को सिर्फ आश्वासनों का झुनझुना पहना रहे है। ट्रेन न रुकने के कारण क्षेत्रवासियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोगो द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की जा रही है।
दो ट्रेनों का स्टापेज है जरूरी
कोरोना के पूर्व वेंकटनगर स्टेशन में बन्द हुई ट्रेनों में लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व दो ट्रेनों का स्टापेज तो मिला जिसमे बिलासपुर – रीवा- बिलासपुर व बिलासपुर – भोपाल -बिलासपुर है, वहीं महत्वपूर्ण ट्रेन नर्मदा एक्सप्रेस व बिलासपुर चिरमिरी का ठहराव अभी तक नही मिल पाया है। कोरोना के बाद से वेंकटनगर के ग्रामीण लगातार पूर्व में रुक रही ट्रेन स्टापेज की मांग करते आ रहे है।
कई बार मिली रेलमंत्री से पर मिला सिर्फ आश्वासन
सांसद हिमाद्री सिंह रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से कई बार मिलकर अपने संसदीय क्षेत्र में यात्री सुविधा के विस्तार एवं यात्री गाड़ियों के ठहराव को लेकर पिछले 11 जून एवं इसके पूर्व 4 अप्रैल को भी मिलकर अनुरोध पत्र दिया मगर रेलमंत्री द्वारा उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। वहीं लोगो का कहना है कि ग्वालियर सांसद के एक पत्र से ही रेलमंत्री द्वारा 30 दिनों के अंदर ग्वालियर से बैंगलोर के बीच नई ट्रेन की सौगात दे दी गयी, जबकि सांसद हिमाद्री सिंह अपने क्षेत्र में चल रही ट्रेनों के स्टापेज के लिए रेलमंत्री को कई बार पत्राचार व मिलने के बाद भी रेलमंत्री द्वारा आश्वासन देना प्रतीत होता हैं कि रेलमंत्री हमारी क्षेत्र की आदिवासी महिला सांसद होने से नजार अंदाज किया जा रहा हैं।
समस्या संसदीय क्षेत्र में है नर्मदा का स्टापेज की
वेंकटनगर क्षेत्र के लोगो के लिए नर्मदा एक्सप्रेस एक महत्वपूर्ण ट्रेन है, जिसमे क्षेत्र से जबलपुर व भोपाल आने जाने की एकमात्र ट्रेन थी, वेंकटनगर व आसपास के ज्यादातर स्टूडेंट पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षा देने व अन्य लोग काम के सिलसिले में जबलपुर व भोपाल जाते है। वहीं कुछ यात्री अन्य रुट पर यात्रा करने कटनी व जबलपुर तक इसी ट्रेन से जाते थे। ट्रेन ठहराव न होने के कारण उन्हें आने जाने में कठिनाई होती है। लोगो का कहना है कि ट्रेन स्टापेज की समस्या सिर्फ शहडोल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत के स्टेशनों में है। कोरोना बाद से बंद हुई नर्मदा का स्टापेज बिलासपुर से पेण्ड्रारोड के लगभग स्टेशनों में कोरोना के पूर्व की तरह हो गया है, वही कटनी के बाद भी जबलपुर तक सभी स्टेशनों में है, सिर्फ़ शहडोल संसदीय क्षेत्र के स्टेशनों में स्टापेज नही है।
दो दर्जन गांव की समस्या
वेंकटनगर रेलवे स्टेशन से वेंकटनगर के अलावा कदमसरा, मुण्डा, आमाडाढ़, भेलमा, उमरिया, लपटा, बीड़, जरियारी, खैरी, खोडरी, कपरिया, लहसुना, सिंघौरा, पोंड़ी, सुलखारी, गोधन के लोगो का ट्रेन पकड़ने के लिए सबसे नजदीकी स्टेशन वेंकटनगर ही है। इसके अलावा पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के जीपीएम जिले के भी कई गांवों के ग्रामीण वेंकटनगर स्टेशन से ही ट्रेन पकड़ते है। ट्रेन का स्टापेज न होने की वजह से अतिरिक्त व्यय करके पेंड्रारोड या जैतहरी, अनूपपुर से ट्रेन पकड़ना पड़ता है।
आश्वासन के भरोसे सफर
वेंकटनगर निवासी वेद प्रकाश ओझा का कहना है कि सांसद हिमाद्री सिंह द्वारा पिछले एक माह हो गए रेलमंत्री से मिले हुए जिसके बावजूद भी अभी तक ट्रेन के स्टॉपेज को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है, संसद द्वारा इसके पूर्व भी पिछले 5 वर्षों से कई बार रेल मंत्री से मिल चुकी है पर नर्मदा एक्सप्रेस का स्टापेज आज तक नही मिल पाया है, जिसको लेकर हम वेंकट नगर वासी परेशान है l
ट्रेन स्टॉपेज के लिए बैठे इंतजार में
वेंकट नगर निवासी लक्ष्मीनारायण केशरवानी ने ट्रेन स्टॉपेज को लेकर बतलाया की बहुत ही दुर्भाग्य का विषय है कि कोविड के समय से हमारे यहां नर्मदा एक्सप्रेस व चिरमिरी पैसेंजर का स्टॉपेज बंद हो गया है, जिससे वेंकटनगर और आसपास की ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर शहडोल सांसद द्वारा कई बार लिखित व मौखिक कहा गया, लेकिन अभी भी कार्यवाही संतुष्टीजनक होती दिखाई नहीं पड़ रही है।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
