मालदह, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । ज़िले के मानिकचक थाना इलाके के केदारटोला गांव में आठवीं कक्षा के एक छात्र की संदिग्ध मौत की घटना के 12 दिन बीतने के बाद भी छात्र के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका आरोप है कि छात्र की हत्या की गई है, लेकिन पुलिस आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
दरअसल, गत दो जुलाई की रात मानिकचक के रोजमेरी मिशनरी स्कूल के हॉस्टल में रहने वाले श्रीकांत मंडल नामक आठवीं कक्षा के छात्र का शव हॉस्टल में फंदे से लटकता पाया गया था। स्कूल प्रबंधन ने इसे आत्महत्या बताया था। लेकिन श्रीकांत के पिता प्रेम कुमार मंडल का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या स्कूल के शिक्षक और प्रबंधन की प्रताड़ना के चलते हुई है।
छात्र के पिता ने पांच जुलाई को स्कूल के प्रधानाध्यापक साजिद हुसैन और एक शिक्षक के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इससे ग्रामीणों और मृतक के परिवार में भारी नाराज़गी है।
न्याय की मांग को लेकर श्रीकांत के परिजनों ने अब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। शव को गांव के एक क्लब के फ्रीज़र में बर्फ में संरक्षित कर रखा गया है। ग्रामीण रात-दिन शव की पहरा दे रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होगी और दोबारा पोस्टमॉर्टम नहीं कराया जाएगा, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
परिजन पहले किए गए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को मानने से इनकार कर रहे हैं, जिसमें छात्र की मौत को आत्महत्या बताया गया है। परिवार और गांववाले दोबारा पोस्टमॉर्टम और सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए श्रीकांत के पिता ने अब कोलकाता हाई कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के वकीलों से संपर्क कर याचिका भी दायर की गई है, ताकि घटना की निष्पक्ष जांच हो सके और न्याय मिल सके।
श्रीकांत के पिता प्रेम कुमार मंडल का कहना है कि मेरा बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता। उसे मार दिया गया है। मैंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जब तक दोषियों की गिरफ्तारी और दोबारा पोस्टमॉर्टम नहीं होगा, हम शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
