
40 गांवों में बाढ़ का खतरा, यमुना नदी का जलस्तर 93.60 मीटर पर स्थिर
बांदा, 13 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की घाटी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश से चित्रकूट की मंदाकिनी नदी में आई बाढ़ के बाद
रविवार काे उससे सटे बांदा जिले में केन नदी उफान पर आ गई है। यहां पर शनिवार रात के दौरान नदी का जलस्तर हर घंटे लगभग 25 सेंटीमीटर बढ़ते हुए खतरे के लाल निशान को पार कर गया।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह 10 बजे केन नदी का जलस्तर 104.80 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो कि खतरे के निशान 104 मीटर से एक मीटर अधिक है। वहीं यमुना नदी का जलस्तर 93.60 मीटर पर स्थिर बना हुआ है। फिलहाल केन का जलस्तर खतरे के निशान से अभी बहुत नीचे है।
केन नदी में जलस्तर में निरंतर वृद्धि से पैलानी और सदर तहसील के लगभग 40 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। इनमें से करीब 24 गांवों के आसपास पानी पहुंच गया है। कई संपर्क मार्गों पर बने रपटों के ऊपर से पानी बहने के कारण गांवों का अन्य क्षेत्रों से संपर्क पूरी तरह कट गया है।
केन नदी की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के कटनी जिले के पहाड़ी इलाकों से होती है, जो पन्ना जिले के गंगऊ और बरियारपुर बियर होते हुए बांदा जिले में प्रवेश करती है। इस समय गंगऊ और बरियारपुर बियर से करीब छह फीट ऊंचाई से जलधारा गिर रही है, जिससे प्रतिदिन लगभग 90,000 क्यूसेक पानी केन नदी में छोड़ा जा रहा है। वहीं जिले में करीब 20 घंटे रुक रुक कर हुई बारिश 100 मिमी. रिकॉर्ड की गई।
पैलानी क्षेत्र के खपटिहा कलां, सिंधन कलां सहित लगभग 12 गांवों के संपर्क मार्ग जलमग्न हो चुके हैं। स्थानीय लोग नावों के जरिए या तैरकर अपने जरूरी कार्यों के लिए आवागमन कर रहे हैं। खपटिहा स्थित इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें नावों से विद्यालय जाना पड़ रहा है।
जिला प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी गई है और बाढ़ नियंत्रण चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। राजस्व विभाग के कर्मियों और ग्राम प्रधानों को राहत कार्यों और यातायात नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि प्रशासन बाढ़ की आशंका को लेकर पूरी तरह सतर्क है। नदी किनारे बसे गांवों के निवासियों को अलर्ट कर दिया गया है। सिंधन कलां, पडोहरा और अमारा गांवों के रपटों पर पानी भर जाने से वहां नावों की व्यवस्था की गई हैं। फिलहाल किसी गांव की बस्ती में पानी नहीं घुसा है, लेकिन हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह
