
– आईएफएमआईएस पोर्टल के संबंध में कार्यशाला आयोजित
इंदौर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । आहरण संवितरण अधिकारी अपने लॉगिन पासवर्ड का ओटीपी किसी से साझा नहीं करें। सप्ताह या 15 दिन में डीडीओ लॉगिन से किये गए भुगतानों की समीक्षा करें, जिससे कि यदि कोई फर्जी भुगतान होता है तो उसे समय रहते पकड़ा जा सके। यह जानकारी शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर जिला कोषालय द्वारा रविन्द्रनाथ टैगोर सभागृह में आयोजित आईएफएमआईएस पोर्टल से संबंधित प्रशिक्षण/कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला में इंदौर जिले के समस्त विभागों के आहरण संवितरण अधिकारी तथा लेखापाल उपस्थित हुए।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कोषालय अधिकारी मोनिका कटारे ने कोषालय में प्रस्तुत किए जाने वाले देयकों को किन कमियों के रहते वापस किया जाता है इसकी विस्तृत जानकारी उपस्थित डीडीओ और लेखापालों को दी। उन्होंने देयकों के साथ अटेच किये जाने वाले दस्तावेजों की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला में जिला कोषालय के सिस्टम मैनेजर मनीष कुमार दुबे ने पोर्टल से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवक के सामान्य भविष्य निधि के अंतिम भुगतान की ऑनलाइन प्रक्रिया एक मई, 2025 से शुरू कर दी गई है। अब कोई भी आहरण संवितरण अधिकारी किसी भी सेवानिवृत शासकीय सेवक का भविष्य निधि जमा का अंतिम भुगतान मैनुअल महालेखाकर ग्वालियर नहीं भेजें। नई व्यवस्था के तहत अब सीधे IFMIS के माध्यम से ऑन लाइन भेजे जाएं, जिसमें सभी दस्तावेज जैसे जीपीएफ पासबुक, schdule V , पूर्व में आहरित पार्ट फाइनल राशि आदि का विवरण स्कैन कर अपलोड करें। सही होने पर महालेखाकार भविष्य निधि का प्राधिकार-पत्र ऑनलाइन IFMIS में भेजेगा जिसे सीधे डीडीओ द्वारा ऑनलाइन लगाया जा सकता है। साथ ही यदि देयक समय सीमा में नहीं लगाया गया तो ifmis डीडीओ को अन्य देयक लगने नहीं देगा इससे सेवानिवृत शासकीय सेवक के भुगतान में विलम्ब नहीं होगा।
कार्यशाला में बताया गया कि सभी शासकीय सेवक (रेगुलर नॉन रेगुलर) की अपना समग्र आईडी ifmis में लिंक करना अनिवार्य है, जिससे भविष्य में वेतन का भुगतान आधार नम्बर जो बैंक खाता में लिंक है उसी को किया जाएगा। फेल ट्रांजिक्शन की राशि के पुनः भुगतान एवं लंबे समय से आहरित नहीं हो रही तथा जिनको 3 वर्ष से अधिक हो गया है उसे 0075 मद में जामा करने के बारे में भी बताया गया।
(Udaipur Kiran) तोमर
