Madhya Pradesh

(फॉलोअप) हिस्ट्रीशीटर के संरक्षण में चल रहे डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा

डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा

जबलपुर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक उर्फ़ रज्जाक पहलवान पर पुलिस ने उसकी संपत्तियों पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। हाल ही में उसके कई गुर्गे गिरफ्तार किए गए हैं। इसके बाद पुलिस अब उसकी अवैध कमाई से ली गई संपत्तियों की जांच में जुट गई है। इसी सिलसिले में उससे जुड़े मामले में प्रशासन ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम ने रज्जाक द्वारा संरक्षित सुप्रा डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापा मारा। इस दौरान सेंटर में भारी अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद इसे तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया।

जिला प्रशासन की संयुक्त टीम जिसमें नोडल अधिकारी एसडीएम पंकज मिश्रा, डॉ. आदर्श बिश्नोई और सीएसपी कोतवाली रितेश शिव, तहसीलदार जैसवाल द्वारा की जा रही जांच में प्रथम दृष्टया यह बात स्पष्ट समझ मे आई कि मुख्य स्वास्थ्य और चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) की लापरवाही से यहां अवैध गतिविधियां चल रही थीं।

इस डायग्नोस्टिक सेंटर में बिना किसी विशेषज्ञ के एमआरआई, सीटी स्कैन और पैथोलॉजी जैसी संवेदनशील जांचें कराई जा रही थीं। टीम ने जांच में पाया कि तकनीशियन के पास आवश्यक प्रशिक्षण या मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं । पैथोलॉजी लैब में भी अप्रशिक्षित कर्मचारी ही जांच कर रहे थे। जांच टीम के सामने कर्मचारी कोई वैध दस्तावेज़ नहीं दिखा सके। यह पूरा सेंटर आवासीय भवन में अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था।

इसके साथ ही एक कॉस्मेटिक हब भी चलाया जा रहा था जिसमें टीम की जांच में यह बात सामने आई कि कॉस्मेटिक हब में सौंदर्य संबंधित इलाज किया जा रहा था। जबकि उक्त इलाज के लिए कोई पंजीयन मौजूद नहीं मिला। वहीं वहां इलाज कर रहे डॉक्टर की डिग्री नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से मान्यता प्राप्त नहीं है। ऐसे में, यह स्पष्ट है कि मरीजों के साथ धोखा कर उन्हें गैरकानूनी इलाज की भेंट चढ़ाया जा रहा था।

जांच के दौरान इन संस्थानों में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच टीम ने तीन घंटे तक दोनों संस्थानों का निरीक्षण किया। जहां एक भी एमबीबीएस डॉक्टर वहां मौजूद नहीं मिला।

गौरतलब है कि बुधवार को पुलिस ने अब्दुल रज्जाक के बेटे सरफराज, भाई और दो अन्य साथियों को गंभीर धाराओं में गिरफ्तार किया था। इन सभी को पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। लगातार दो दिनों में हुई यह कार्रवाई दर्शाती है कि प्रशासन अब रज्जाक और उसके नेटवर्क के खिलाफ सख्त रुख अपना चुका है।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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