शिवसागर (असम), 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । असम के शिवसागर जिले में एक नवजात शिशु को अवैध रूप से 75 हजार रुपये में बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बच्चे को शनिवार तड़के चराइदेव जिले के सापेखाटी क्षेत्र से एक विशेष अभियान के तहत बरामद किया गया।
शिवसागर जिला बाल कल्याण समिति की सदस्य अजंता काकती और जॉयसागर थाना के उप निरीक्षक अतुल बोरा के नेतृत्व में यह संयुक्त अभियान चलाया गया। सापेखाटी पुलिस थाने के सहयोग से फुनुरंजन चांगमाई और सबिता गोगोई चांगमाई नामक दंपत्ति के घर से नवजात को सुरक्षित बरामद किया गया।
इस अवैध मानव तस्करी रैकेट में शामिल होने के आरोप में पुलिस ने पहले ही 9 जुलाई को आशा कार्यकर्ता मनवारा बेगम को और 10 जुलाई को नाजिरा से आशा कार्यकर्ता रेशमा तांती को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही तीन और आशा कार्यकर्ता और एक युवक के इस गिरोह में शामिल होने की भी जानकारी सामने आई है।
सूत्रों के अनुसार, एक अविवाहित युवती के गर्भवती होने की जानकारी इन आरोपित आशा कार्यकर्ताओं को पहले से थी। उनकी सलाह पर युवती का नाम बदलकर उसे शिवसागर सिविल अस्पताल के प्रसूति विभाग में भर्ती कराया गया। 17 जून को उसने एक पुत्र को जन्म दिया।
बाद में 25 जून को पूर्व नियोजित साजिश के तहत नवजात को चराइदेव जिले के सापेखाटी निवासी उक्त दंपत्ति को शिवसागर सिविल अस्पताल के सामने 75 हजार रुपये में बेच दिया गया।
घटना उजागर होने के बाद 9 जुलाई को शिवसागर जिला बाल सुरक्षा अधिकारी डॉ. बिकास रंजन कोंवर और बाल कल्याण समिति की सदस्य अजंता काकती ने जॉयसागर थाने में शिकायत दर्ज करवाई।
एफआईआर के आधार पर जांच करते हुए पुलिस ने मनवारा बेगम और रेशमा तांती को गिरफ्तार कर लिया और शनिवार तड़के बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। हालांकि, मनवारा बेगम का दावा है कि वह शिशु तस्करी में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं थी।
पुलिस को अब तक की जांच में यह भी पता चला है कि शिशु को बेचने के एवज में 75 हजार से अधिक की रकम का लेनदेन हुआ था। आने वाले दिनों में बाकी तीन आशा कार्यकर्ताओं और एक युवक की संलिप्तता को लेकर और खुलासे होने की संभावना है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
