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डोभाल की खुली चुनौती- एक भी तस्वीर दिखाइए, जिसमें भारत के नुकसान का खुलासा हो

NSA Ajit Doval Highlights Precision of Operation Sindoor

– ऑपरेशन सिंदूर में आईआईटी, मद्रास की स्वदेशी तकनीक की भूमिका को सराहा

चेन्नई, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेशी मीडिया में पाकिस्तान को हुए नुकसान को कमतर दिखाने और भारतीय सैन्य क्षमता को क्षति पहुंचने के दावों को आज आड़े हाथों लिया और चुनौती देते हुए कहा कि कोई भी विदेशी संस्थान ऐसा कोई प्रमाण या तस्वीर दिखाये जिससे भारत को हुई क्षति की पुष्टि होती हो।

डोभाल ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में भारत की सैन्य क्षमता एवं दक्षता के बारे में खुल कर बोला। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत की कामयाबी का कारण स्वदेशी तकनीक का भरपूर प्रयोग रहा और उन्होंने आईआईटी के वि‍द्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों का आह्वान किया कि वे देश की सुरक्षा और प्रतिरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए नयी से नयी तकनीक का आविष्कार करें। एनएसए ने दीक्षांत समारोह में उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की उन रिपोर्टों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, जिनमें पूर्वाग्रह के चलते ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के नुकसान को दर्शाया गया। डोभाल ने दो टूक शब्दों में चुनौती देते हुए कहा कि वो हमें एक तस्वीर या वीडियो दिखाएं, जो किसी भारतीय क्षति को दर्शाती हो। उन्होंने कहा कि अब तक सामने आईं सैटेलाइट तस्वीरों से पाकिस्तान के 13 एयरबेस और दूसरे ठिकानों के ध्वस्त होने का पता चलता है, जबकि भारत के नुकसान को लेकर कोई तस्वीर सामने नहीं आई हैं।

डोभाल ने कहा, हमें अपनी स्वदेशी तकनीक विकसित करनी होगी। सिंदूर का उल्लेख यहाँ किया गया था। हमें वास्तव में इस बात पर गर्व है कि आपरेशन में काम आयी कितनी सामग्री स्वदेशी थी… हमने पाकिस्तान के विभिन्न स्थानों में 9 आतंकवादी ठिकानों को लक्षित करने का फैसला किया, ये सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित नहीं थे। हमने और कुछ नहीं सोचा। हमने इसके अलावा कहीं और प्रहार भी नहीं किया। यह प्रहार बिल्कुल सटीक रहा जिसके बारे में हम जानते थे कि कौन कहाँ मौजूद था। पूरे ऑपरेशन में 23 मिनट का समय लगा… आप मुझे एक तस्वीर बताइए जिसमें किसी भी भारतीय क्षति को दिखाया गया है यहां तक कि एक कांच का फलक भी टूटा हो तो। न्यूयॉर्क टाइम्स में उन्होंने मनगढ़ंत चीजें लिखीं। लेकिन इन तस्वीरों में 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के 13 हवाई अड्डे दिखाई दे रहे थे, चाहे वह सरगोधा, रहीमयार खान, चकलाला में हो। भारत का कोई भी स्थान नहीं दिखाया गया। आपको केवल वही बता रहा हूं जो विदेशी मीडिया ने छवियों के आधार पर रखा था।

उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तानी हवाई अड्डों को नुकसान पहुंचाने में सक्षम हैं। भारत ने स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग से आपरेशन सिंदूर में सफलता प्राप्त की है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के पास ब्रह्मोस जैसी अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक वाली मिसाइल, एकीकृत वायु कमान प्रणाली और युद्ध के मैदान में शक्तिशाली रडार थे। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन की सफलता में इसरो के उपग्रहों से मिले डेटा का भी अहम योगदान था, जिसने वास्तविक समय की खुफिया जानकारी और सटीक लक्ष्य साधने में मदद मिली। इस ऑपरेशन में उन्नत स्वदेशी तकनीक और मानवीय खुफिया जानकारी का बेहतरीन तालमेल देखने को मिला।

डोभाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक आतंकवादी हमले का जवाब था, जिसका उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था। समारोह में डोभाल ने स्वदेशी तकनीक की रणनीतिक के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी स्वदेशी तकनीक विकसित करनी होगी। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की तकनीकी क्षमता का विस्तृत विवरण दिया, बल्कि भारत के स्वदेशी प्रौद्योगिकी एजेंडे को आगे बढ़ाने में आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों के महत्व पर भी जोर दिया। इस दौरान उन्होंने स्वदेशी तकनीक के महत्व पर विशेष बल दिया।

डोभाल ने यह भी रेखांकित किया कि कैसे इस सैन्य अभियान में तकनीकी सटीकता और आईआईटी मद्रास जैसी संस्थाओं का योगदान भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रहा है। डोभाल ने गर्व से कहा कि आईआईटी मद्रास अपनी अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास के लिए जाना जाता है और इसने स्वदेशी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इन तकनीकों ने यह सुनिश्चित किया कि कैसे अपने उद्देश्यों को न्यूनतम नुकसान के साथ हासिल किया जा सकता है।

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(Udaipur Kiran) / डॉ आर बी चौधरी

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