
नई दिल्ली, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दक्षिणी आंध्र प्रदेश के सूखा ग्रस्त जिलों को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्राकृतिक खेती और पाम ऑयल मिशन को लेकर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सूखा ग्रस्त जिलों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि मंत्रालय विशेषज्ञों की टीम भेजेगी।
उन्होंने कहा कि पुट्टपर्थी में हमने आंध्र प्रदेश के कृषि मंत्री के साथ सूखा ग्रस्त जिलों को लेकर अहम बैठक की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश सरकार ने ड्रिप इरिगेशन को बढ़ावा देने से लेकर, हॉर्टिकल्चर को बढ़ावा देने तक कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
शिवराज सिंह ने कहा कि “पुरानी सरकार ने केंद्र सरकार के पैसे को भी डायवर्ट करके यहां किसानों के साथ अन्याय किया, लेकिन वर्तमान सरकार काम कर रही है। विजनरी चीफ मिनिस्टर यहां पर हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि “विभिन्न उपायों में सबसे पहले- हम कृषि विभाग, आईसीएआर व ग्रामीण विकास की केंद्र सरकार की एक टीम को यहां भेजा जाएगा ताकि कृषि विभाग, आईसीएआर के वैज्ञानिक, ग्रामीण विकास विभाग और भूमि संसाधन विभाग, जिसमें वॉटरशेड भी सम्मिलित है, मिलकर सूखे की परिस्थिति में भी फसल पैदा करने के लिए योजना बना सकें।
चौहान ने कहा कि “वर्षा जल संचयन, पौधरोपण का काम और जल शक्ति मंत्रालय के साथ मिलकर तुंगभद्रा और कृष्णा नदी से कैसे पानी आ सकता है, उस पर भी काम करेंगे। एकीकृत खेती जिसमें अलग-अलग : फल, फूल, सब्ज़ियां, कृषि वानिकी, मधुमक्खी पालन, पशुपालन शामिल हैं, उसके तहत भी कुछ योजनाएं बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में अच्छा उत्पादन देने वाले बीजों की किस्में भी विकसित करने के लिए काम किया जाएगा।
—————
(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
