



गोरखपुर, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । गोरक्ष पीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भगवान श्रीराम, प्रभु श्रीकृष्ण और देवाधिदेव महादेव शंकर के बिना भारत का पत्ता भी नहीं हिल सकता है। प्रखर समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहिया भी कहते थे कि भारत में जब तक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, लीला पुरुषोत्तम मुरलीधर भगवान श्रीकृष्ण और देवों के देव भगवान शंकर की पूजा होती रहेगी तब तक दुनिया में कोई माई का लाल भारत का बाल भी बांका नहीं कर पाएगा। डॉ. लोहिया के वर्तमान चेले भले ही उनकी बात न मानते हों लेकिन यह बात तय है कि जो राम विरोधी है, उसकी दुर्गति होनी ही है।
मुख्यमंत्री योगी गुरुवार को गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में विगत 4 जुलाई से चल रही श्रीरामकथा के विश्राम सत्र और गुरु पूर्णिमा महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय दिग्विजयनाथ जी महाराज एवं महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के चित्र पर पुष्पार्चन करने तथा व्यासपीठ का पूजन करने के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम कथा और देवी-देवताओं से जुड़ी अन्य कथाएं भारतीय संस्कार का हिस्सा हैं। उन्होंने रामायण मेलों की शुरुआत करने वाले डॉ. राम मनोहर लोहिया का उल्लेख कर सनातन धर्म पर सवाल उठाने वालों को आईना दिखाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. लोहिया, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रखर समाजवादी और कांग्रेस के प्रखर विरोधी थे। आजादी के बाद जब भारतीयों की एकजुटता को लेकर कुछ लोगों ने शंका जताई थी तब उन्होंने जवाब दिया था कि राम, कृष्ण और शंकर की पूजा होने तक भारत की एकजुटता का प्रश्न ही खड़ा नहीं होता। प्रखर समाजवादी लोहिया के विचार से इतर आज के समाजवादी रामभक्तों पर गोली चलाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चकुल में पैदा होने के बावजूद मारीच की दुर्गति सबको पता है। उसका जन्म मनुष्य रूप में होता है जबकि पशु रूप में मारा जाता है।
हजारों वर्षों से सुनी जा रही श्रीराम कथा
योगी ने कहा कि श्रीराम कथा हजारों वर्षों से सुनी जा रही है। यह भारत के संस्कार में शामिल है। दुनिया में ऐसा कोई भी सनातनी नहीं है जो श्रीराम कथा के प्रसंगों को न जानता हो। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे लोकप्रिय धारावाहिक रामायण है। जब देश की आबादी 100 करोड़ थी और 50 करोड़ लोगों के पास टेलीविजन नहीं था तब 66 करोड़ लोग रामायण धारावाहिक देखते थे। कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा था तब सबसे ज्यादा दर्शक दूरदर्शन पर रामायण देखते थे।
भारत ने दुनिया को सिखाया कृतज्ञता ज्ञापन
मुख्यमंत्री ने गुरु पूर्णिमा पर्व को गौरवशाली अवसर बताते हुए कहा कि यह पर्व गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर होता है। भारत ही ऐसा देश है जिसने दुनिया को कृतज्ञता ज्ञापन सिखाया। हनुमान जी और मैनाक पर्वत के संवाद में भी यह उद्धरण आता है कि कर्ता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना सनातन धर्म का गुण है। किसी ने कुछ किया तो उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने में भारतीय सबसे अधिक जागरूक रहे हैं।
नकारात्मकता समस्या का समाधान नहीं
मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ के भव्य आयोजन के दौरान कुछ युट्यूबर्स की नकारात्मक पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया भर से सनातनी महाकुंभ आए थे। कुछ युट्यूबर्स पैदल चलने पर उन्हें भड़काने और चिढ़ाने जाते थे। व्यवस्था पर सवाल करते थे तो श्रद्धालुओं से उन्हें जवाब मिलता था जिस सड़क पर हम पैदल चल रहे हैं वह भी व्यवस्था का हिस्सा है। उन्हें यह मुहतोड़ जवाब भी मिलता, चल हम रहे हैं और परेशानी तुम्हे हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नकारात्मकता समस्या का समाधान नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक दिन में प्रदेश में 37 करोड़ से अधिक पौधरोपण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वृहद पौधरोपण से हम विकास को बेहतर स्वरूप दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से विगत नौ वर्षों में 241 करोड़ पौधरोपण होने से राज्य के वनाच्छादन में काफी सुधार हुआ है।
कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मत्स्य विभाग के मंत्री संजय निषाद, सांसद रविकिशन शुक्ल, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत मिथिलेशनाथ, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, समेत कई साधु-संत, जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद, प्रबुद्धजन व बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सहभागिता रही। गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में 4 जुलाई से चल रही श्रीरामकथा का विश्राम व्यासपीठ पर विराजमान श्रीरामचरितमानस ग्रंथ की आरती के साथ हुई।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
