RAJASTHAN

नवाचारों से निखरी ‘परख’ की तस्वीर, गुणवत्ता के साथ साक्षरता भी बढ़ी

शिक्षा विभाग राजस्थान लोगो

जयपुर, 10 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सही दिशा में किए गए प्रयास न केवल आंकड़ों को बदलते हैं, बल्कि जमीनी हकीकत को भी मजबूत करते हैं। हाल ही में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी ‘परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024’ के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि प्रदेश ने राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ते हुए अपनी ‘परख’ का दमखम दिखाया है। यह सर्वे कक्षा 3 के विद्यार्थियों के लिए हिंदी, अंग्रेज़ी और गणित तथा कक्षा 6 एवं 9 के विद्यार्थियों के लिए हिंदी/अंग्रेज़ी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों की पठन-पाठन क्षमता और समझ को परखने के लिए किया गया था। तीनों ही स्तरों पर राजस्थान के बच्चों ने राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर अपनी अलग पहचान बनाई है।

हर स्तर पर राष्ट्रीय औसत से आगे

सर्वे के अनुसार, कक्षा 3 में भाषायी ज्ञान में राजस्थान का औसत राष्ट्रीय औसत से 6 प्रतिशत अधिक रहा। जहां देश का औसत 64 प्रतिशत है, वहीं राजस्थान ने 70 प्रतिशत अंक हासिल किए। गणित विषय में भी राजस्थान का औसत 66 प्रतिशत रहा, जो राष्ट्रीय औसत से 6 प्रतिशत अधिक है। कक्षा 6 में राज्य ने भाषायी विषयों में राष्ट्रीय औसत (57 प्रतिशत) से 3 प्रतिशत बेहतर प्रदर्शन किया। गणित में राष्ट्रीय औसत 46 प्रतिशत के मुकाबले प्रदेश ने 53 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। अन्य विषयों में भी राष्ट्रीय औसत 49 प्रतिशत के मुकाबले राजस्थान का औसत 54 प्रतिशत रहा। इसी तरह कक्षा 9 में भाषायी विषयों में राज्य ने 54 प्रतिशत के मुकाबले 56 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। गणित में यह अंतर 37 प्रतिशत बनाम 44 प्रतिशत का रहा। विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में भी राज्य ने क्रमशः 40 प्रतिशत के मुकाबले 46 प्रतिशत और 45 प्रतिशत का प्रदर्शन कर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है।

ग्रामीण क्षेत्र आगे, बालिकाओं ने मारी बाजी

सर्वेक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि ग्रामीण इलाकों ने शहरी क्षेत्रों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही, प्रदेश की बालिकाओं ने हर विषय और हर कक्षा में बालकों से बेहतर प्रदर्शन कर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी ‘परख’ दिखाई। राष्ट्रीय स्तर पर भी राजकीय विद्यालयों के आंकड़े राजस्थान के औसत से कम रहे हैं।

नवाचारों का दिखा असर

पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए गए विभिन्न नवाचार और सुधार कार्यक्रमों – जैसे स्मार्ट क्लास, साप्ताहिक मूल्यांकन, शिक्षकों के नियमित प्रशिक्षण और सामुदायिक सहभागिता ने विद्यार्थियों की पढ़ाई में दिलचस्पी और गुणवत्ता दोनों में उल्लेखनीय सुधार किया है। यही वजह है कि राष्ट्रीय मंच पर भी प्रदेश के विद्यार्थी अच्छा प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं।

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(Udaipur Kiran)

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