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दूसरे साल भी डुरंड कप का मेजबान बना शिलॉन्ग, ट्रॉफियों के साथ शहर में निकाला गया भव्य रोड शो

डूरंड कप

कोलकाता, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) ।फुटबॉल प्रेमियों के शहर शिलॉन्ग ने एक बार फिर एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट 134वें इंडियनऑयल डुरंड कप का जोरदार स्वागत किया। लगातार दूसरे वर्ष मेजबानी कर रहे शिलॉन्ग में आज राज्य कन्वेंशन सेंटर में तीनों प्रतिष्ठित ट्रॉफियों का प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कोलकाता स्थित भारतीय सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय विजय दुर्ग की ओर से बुधवार शाम जारी बयान में बताया गया है कि कार्यक्रम में मेघालय सरकार के खेल और युवा मामलों के मंत्री शक्लियार वॉर्जरी, ईस्टर्न एयर कमांड के एयर मार्शल सुरत सिंह, 101 एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल संजय मलिक और इंडियनऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारी भी शामिल हुए।

डुरंड कप की तीन प्रतिष्ठित ट्रॉफियां- मुख्य डुरंड कप, 1904 में शिमला के निवासियों द्वारा भेंट की गई शिमला ट्रॉफी और विजेताओं को स्थायी रूप से प्रदान की जाने वाली राष्ट्रपति कप- को प्रदर्शनी के बाद शहर की प्रमुख जगहों से होकर एक रोड शो में ले जाया गया। यह शो कैमल बैक रोड, ऑल सेंट्स चर्च, मॉल्की, डॉन बॉस्को, सिविल अस्पताल होते हुए खाइंडेलाड चौक पर समाप्त हुआ, जहां मेघालय ग्रासरूट्स म्यूज़िक प्रोजेक्ट और टेरीटोरियल आर्मी बैटालियन बैंड की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और जीवंत बना दिया।

मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा, “मैं भारतीय सशस्त्र बलों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने शिलॉन्ग को डुरंड कप के 134वें संस्करण के लिए एक बार फिर चुना। इस बार शिलॉन्ग के जे.एन. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में कुल आठ मुकाबले खेले जाएंगे। बीते साल शानदार मेजबानी के लिए शिलॉन्ग की जमकर सराहना हुई थी और मैं आश्वस्त हूं कि इस बार भी हम उसी जोश और व्यवस्था के साथ तैयार हैं। इस बार और अधिक स्थानीय टीमें भाग ले रही हैं, जिससे दर्शकों की भागीदारी और भी उत्साहपूर्ण होगी।”

खेल मंत्री शक्लियार वॉर्जरी ने राज्य में फुटबॉल के प्रति जुनून का ज़िक्र करते हुए कहा कि सरकार खेल के विकास के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि मावखनू में 40 हजार दर्शकों की क्षमता वाला एशिया का एक सबसे बड़ा फुटबॉल स्टेडियम बनाया जाएगा। मंत्री ने राज्य से ओलंपिक स्तर के खिलाड़ी तैयार करने की भी योजना साझा की।

एयर मार्शल सुरत सिंह ने कहा, “डुरंड कप सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि परंपरा, एकता और जनमानस की अटूट भावना का उत्सव है। भारतीय सशस्त्र बल इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस करते हैं। शिलॉन्ग ने जिस जोश से इस टूर्नामेंट को अपनाया है, वह अद्भुत है।”

ले. जनरल संजय मलिक ने कहा कि “डुरंड कप 137 वर्षों से परंपरा और प्रतिस्पर्धा का संगम रहा है। हाल के वर्षों में यह टूर्नामेंट ईस्टर्न कमांड के नेतृत्व में और भी पेशेवर, समावेशी और व्यापक रूप में विकसित हुआ है। हम मेघालय सरकार के भरपूर सहयोग के लिए विशेष रूप से आभार प्रकट करते हैं।”

डुरंड कप के तहत शिलॉन्ग में आठ मुकाबले खेले जाएंगे, जिनमें पहला मैच 26 जुलाई को शिलॉन्ग लाजोंग एफसी और रंगदाजीद यूनाइटेड एफसी के बीच रोमांचक शिलॉन्ग डर्बी के रूप में होगा। पिछली बार के चैंपियन नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी भी मुकाबलों में शामिल हैं। इस ग्रुप की चौथी टीम मलेशिया की सर्विसेज टीम होगी, जो टूर्नामेंट में अंतरराष्ट्रीय रंग भरने वाली है। उल्लेखनीय है कि पिछली बार शिलॉन्ग लाजोंग ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ईस्ट बंगाल को क्वार्टर फाइनल में हराया था और सेमीफाइनल तक पहुंचा था।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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