


हरदा, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । मूंग खरीदी की औपचारिक शुरूआत सोमवार से हो गई है, किंतु तकनीकी खामियों की वजह से अभी तक सुचारू रूप से खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। खरीदी में तमाम विसंगतियां है जिसका सामना किसान करने को मजबूर है। ऐसी स्थिति में किसानों की मूंग समय सीमा में कैसे बिक पायेगी। इस पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है। जहां एक और उपज शून्य दिखने के कारण स्लाट बुक नहीं हो पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर 80 एकड़ के काश्तकार का 40 क्विंटल से अधिक का स्लाट ही बुक नहीं हो पा रहा है जबकि नियमानुसार 50 एकड़ पर कम से कम 1000 क्विंटल तक का स्लाट बुक होना चाहिए। इस विसंगति का सामना कर रहे किसान परेशान है। कृषि विभाग के साथ-साथ अन्य जवाब देह अधिकारियों को अवगत करा दिये हैं। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है ।
पोर्टल की गड़बड़ी अभी तक यथावत – विश्नोई
पवन विश्नोई का कहना है कि मूंग खरीदी पोर्टल में जो गड़बड़ी है वह अभी तक दूर नहीं हो पाई है। जबकि 2 दिन का समय व्यतीत हो गया है। 28 दिन की जो समय सीमा निर्धारित है। उनमें से दो दिन बीत गए हैं। समय कम बचा है। ऐसी स्थिति में पोर्टल ठीक होने में कितना समय लगेगा इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। उपज शून्य होने के पीछे कारण क्या है, यह जांच का विषय बन गया है। किसानों ने कितने एकड़ में मूंग की बोनी की थी, रिकॉर्ड में सुचारू रूप से दर्ज नहीं होने के कारण संभवत: ऐसी स्थिति सामने आ रही है। चाह कर स्लाट बुक नहीं कर पा रहे हैं। जिन 50 एकड़ 0 वाले किसानों का 1000 क्विंटल की बजाय 40 क्विंटल का स्लाट बुक हो रहा है। इस कारण वे स्लॉट बुक नहीं कर रहे हैं। आधी से कम उपज तौलने के बाद दिक्कत सामने आ जायेगी । इस समस्या को लेकर किसानों के समक्ष परेशान पशो पेश की स्थिति उत्पन्न हो गई है। किसान क्या करे उसको लेकर किमकर्तव्य विमूढ वाली स्थिति बन गई है।
प्रत्येक वेयरहाउस पर 375 क्विंटल क्रय का लक्ष्य – वाष्ट
प्रत्येक वेयरहाउस में प्रतिदिन 375 क्विंटल मूंग खरीदी का लक्ष्य है। किसान नेता राम जीवन वाष्ट का कहना है कि जबकि नियमानुसार 1000 क्विंटल होना चाहिए और प्रत्येक खरीदी केंद्र में 4 तौल कांटे होने चाहिए। इस हिसाब से खरीदी प्रक्रिया नहीं होने से किसानों की चिंता परेशानी बढ़ गई है। पोर्टल में तमाम गड़बड़ियां सामने आ रही है। जिसके कारण मूंग की खरीदी सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पा रही है। पोर्टल की गड़बड़ी शुरू करने में कितना समय लगेगा इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल होगा । जिन किसानों ने बाद में पंजीयन कराये हैं। उनके स्लाट बुक ही नहीं हो पा रहे हैं।
30 जून से शुरू होना था स्लाट बुकिंग –
30 जून से स्लाट बुकिंग का काम चालू होना था, किंतु अभी तक सुचारू रूप से स्लाट बुकिंग चालू नहीं हो पायी है। जिसके कारण किसान परेशान है। इधर-उधर भटक रहे हैं।
इस संबंध में भोपाल जानकारी दी गई है। इसमें कितना समय लगेगा इस बारे में कुछ कहना मुश्किल होगा। पंजीयन में दर्ज आंकड़े के हिसाब से स्लाट बुकिंग क्षमता होनी चाहिए । 50 एकड़ में 40 क्विंटल की स्लॉट बुकिंग किस हद तक उचित है। इसका अंदाजा सहज तरीके से लगाया जा सकता है। पहले से तैयारी नहीं करने के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। पोर्टल पहले से तैयार किया गया होता तो शायद ऐसी स्थिति नहीं बनती।
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(Udaipur Kiran) / Pramod Somani
