HimachalPradesh

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मंडी में निकाली रैली

सीटू के बैनर तले आयोजित रैली में प्रदर्शन करते हुए विभिन्न संगठन।

मंडी, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर मंडी जिला मुख्यालय पर सीटू के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर मजदूर योजनाओं कर्मियों विरोधी चार श्रम संहिताएं खत्म करने की मांग की गई। इसके अलावा सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन 26000 रुपए प्रतिमा लागू करने की भी मांग की गई। इस अवसर पर रेहडी फहड़ी राज्य सचिव सुरेंद्र कुमार ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान आंगनवाड़ी मिड डे मिल कर्मियों को श्रमिकों के रूप में मान्यता देने, नैशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को समाप्त करने, काम के घंटे बढ़ाने के लिए वैंधानिक संशोधन को निरस्त करने, एनपीएस को रद्द कने और बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने की मांग की गई।

उन्होंने बताया कि बिजली के निजीकरण बंद करने, स्मार्ट मीटर योजना वापिस लेने, मोटर व्हीकल एक्ट में ट्रांसपोर्ट मालिकों और ड्राइवर विरोधी भारी जुर्माने व सजा के बदलाव को रद्द करने की मांग की गई। सुरेंद्र कुमार ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर एक्ट में बदलाव नहीं चलेगा। अच्छे दिनों का वादा करके व मोदी की गारंटी की दुहाई देकर सत्ता में आई मोदी 1,2,3 सरकारों ने पिछले 11 सालों से कई मजदूर, कर्मचारी, किसान व आम जनता विरोधी कदम उठाए हैं। मोदी सरकार के घोषित चार लेबर कोड को लागू करने का एजेंडा पूर्णत मजदूर विरोधी है। आजादी से पहले और बाद में मजदूरों के संघर्षों और कुर्बानियों से बने 44 श्रम कानूनों को चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं में बदल दिया गया, जिससे 74 प्रतिशत मजदूर सामाजिक सुरक्षा व 70 प्रतिशत उद्योग श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे।

वहीं लेबर कोड में हड़ताल करने पर मजदूरों को वैसे ही सख्त सजाओं का प्रावधान किया गया है जैसा कि ट्रांसपोर्ट मालिकों और ड्राइवर के लिए दुर्घटना की स्थिति में मोटर व्हीकल एक्ट में किया गया है। मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के कारण मजदूरों के धरने, प्रदर्शनों, रैलियां व हड़तालों पर घोषित प्रतिबंध लग जाएगा तथा उन्हें करने पर मजदूरों को गंभीर सजा व जेल भुगतनी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने फिक्स्ड टर्म रोजगार की अधिसूचना पहले ही कर दी है जिससे मजदूर नियमित रोजगार से वंचित हो जाएगा। मजदूरों के काम के घंटे 8 से बढ़कर 12 घंटे करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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