Madhya Pradesh

एशिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला के निधन पर मुख्यमंत्री ने व्यक्त की संवेदनाएं

एशिया की सबसे बुजुर्ग हथनी वत्सला

भोपाल, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पन्ना टाइगर रिज़र्व की सबसे उम्रदराज हथिनी ‘वत्सला’ के निधन पर गहन शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा कि ‘वत्सला’ मध्य प्रदेश के जंगलों की मूक संरक्षक, पीढ़ियों की सखी और हमारी संवेदनाओं की प्रतीक थी। जिसने हाथी दल का नेतृत्व किया और नानी-दादी बनकर हाथियों के बच्चों की स्नेह से देखभाल भी की। उन्होंने ‘वत्सला’ को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि टाइगर रिज़र्व में हाथी दल की प्रिय सदस्य के 100 वर्षों के साथ पर विराम लगा है, भले ही अब वो हमारे बीच नहीं है, लेकिन वत्सला की स्मृतियां हमारे मन में सदैव जीवंत रहेंगी।

गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र हिनौता में मंगलवार को वत्सला की मृत्यु हो गई थी। पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा वत्सला का अंतिम संस्कार किया गया। वत्सला को एशिया की सबसे बुजुर्ग हथनी माना जाता है। उसकी उम्र 100 साल से भी अधिक थी। वत्सला हथनी पर्यटकों के लिये आकर्षण का केन्द्र रही है। सबसे बुजुर्ग होने से वह पूरे हाथियों के दल का नेतृत्व करती रही है। अन्य मादा हाथी के प्रसव एवं बच्चा होने के उपरांत वह एक नानी अथवा दादी के रूप में अपनी भूमिका निभाती थी।

पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि मादा हथिनी वत्सला परिक्षेत्र हिनौता के खैरईयां नाले के पास आगे के पैर के नाखून टूट जाने के कारण बैठ गई थी। वनकर्मियों द्वारा उसको उठाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन मंगलवार दोपहर को हथनी वत्सला की मृत्यु हो गई। हथनी वत्सला केरल से नर्मदापुरम लाई गई थी और बाद में उसे पन्ना टाईगर रिजर्व लाया गया था। वृद्ध होने के कारण वत्सला को आँखो से दिखना बंद हो गया था तथा वह अधिक दूरी तक नहीं चल पाती थी इसलिये गश्ती कार्य में इसका उपयोग नहीं लिया जाता था। इसे हिनौता हाथी केम्प में रखा गया था। प्रतिदिन खैरईयां नाले तक नहाने के लिये ले जाया जाता था और भोजन में दलिया दिया जा रहा था।

पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के वन्य प्राणी चिकित्सक एवं विशेषज्ञों के द्वारा समय-समय पर हथनी वत्सला के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जा रहा था। इसलिए वत्सला पन्ना टाईगर रिजर्व के विरल एवं शुष्क वन क्षेत्र में दीर्घ आयु की अवस्था तक जीवित रही। टाईगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थपना योजना में वत्सला का अहम योगदान रहा।

(Udaipur Kiran) तोमर

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