
जींद, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में विभिन्न कर्मचारी व ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को भारत बंद का मिला जुला असर रहा। हालांकि रोडवेज बसों का चक्का जाम का भी आह्वान किया गया था लेकिन जींद में रोडवेज बसें सुचारू रूप से चली। कर्मचारी यूनियनों ने चक्का जाम नहीं कर केवल हड़ताल में शामिल होने का फैसला लिया।
सुबह चार बजे रोडवेज कर्मचारी नेताओं ने बस अड्डे पर धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सुबह 10 से 12 के बीच लघु सचिवालय पर प्रदर्शन गया। वहीं पटवारी व कानूनगो एसोसिएशन ने काम छोड़ पूरी तरह से हड़ताल में भाग लेने का ऐलान किया। बैंकिंग सेवाओं पर भी हड़ताल का असर पड़ा। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने नौ जुलाई को किसी भी कर्मचारी को छुट्टी नहीं देने का लैटर निकाला हुआ है।
सीटू जिला सचिव कपूर सिंह ने बताया कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर गांवों में संपर्क अभियान चलाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र की पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण बाजार घाटे में है और बड़ी-बड़ी कंपनियां आने से छोटे व्यापीरियों पर इसकी मार पड़ रही है। जींद शहर में ही दर्जनों मॉल खुल गए हैं। जिस कारण जींद के व्यापीरियों के काम पर बुरा असर पड़ा है। इसके अलावा ऑनलाइन खरीददारी ने भी काम चौपट किया। श्रम कानूनों को खत्म किया जा रहा है। वहीं दि रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के प्रधान सूबे पटवारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगातार कर्मचारियों के साथ किए जा रहे अत्याचार व उनके हकों के प्रति कुठाराघात किया जा रहा है।
वहीं रोडवेज कर्मचारी नेता सुबह चार बजे नए बस स्टैंड पर एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद धरना शुरू कर दिया गया। राज्य स्तरीय रोडवेज कर्मचारी नेता अनूप लाठर ने कहा कि भारत बंद का आह्वान देश के 10 बड़ी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर किया है। उनका कहना है कि सरकार सिर्फ बड़े कॉरपोरेट्स के हित में काम कर रही है जबकि आम आदमी की नौकरीए वेतन और सुविधाएं घटती जा रही हैं। साथ ही सरकार लेबर कानूनों को कमजोर करके यूनियनों की ताकत खत्म करना चाहती है।
—————
(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
