
–29 जुलाई को अगली सुनवाई, आदेश का पालन करने की छूट
प्रयागराज, 08 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी एटा दिनेश कुमार को प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी करार देते हुए अवमानना आरोप निर्मित किया है।
दिनेश कुमार पर आवेदक रमेश चंद्र पचौरी को दो महीने के भीतर अवकाश नकदीकरण के रूप में देय राशि का भुगतान न करने का आदेश दिया गया था। जिसका पालन नहीं किया गया। 29 जुलाई को कोर्ट ने उन्हें उपस्थित रहते हुए आरोप पर जवाब देने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने दिया।
याची का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें अवकाश नकदीकरण का लाभ नहीं दिया गया। 13 मई 2025 को हुई पिछली सुनवाई में न्यायालय ने पाया था कि आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने 15 मार्च 2024 को खारिज कर दिया है। इसके बावजूद, उच्च न्यायालय के 3 नवम्बर 2017 के आदेश का पालन नहीं किया गया। न्यायालय ने वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, एटा को 8 जुलाई 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अनुपालन हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।
मंगलवार को सुनवाई में दिनेश कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी, एटा व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित हुए और उन्होंने अपना हलफनामा दाखिल किया। कहा कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने हेतु शिक्षा निदेशक (बेसिक), उत्तर प्रदेश, लखनऊ से 30 जून 2025 को पत्र के माध्यम से निर्देश मांगा है।
न्यायालय ने यह माना कि आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। इन परिस्थितियों में, दिनेश कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी पर कोर्ट की अवमानना का आरोप तय किया है। बीएसए दिनेश कुमार को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। न्यायालय ने उन्हें अगली सुनवाई की तारीख, यानी 29 जुलाई 2025 को या उससे पहले रिट कोर्ट द्वारा पारित आदेश का अनुपालन करने की भी स्वतंत्रता दी है। रजिस्ट्रार (अनुपालन) को आदेश की एक प्रति 24 घंटे के भीतर दिनेश कुमार को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजने का निर्देश दिया गया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
