HEADLINES

एसवाईएल पर हरियाणा व पंजाब की दिल्ली में कल हाेगी संयुक्त बैठक

बैठक के बाद केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी रिपोर्ट

चंडीगढ़, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा व पंजाब के बीच कई दशकों से विवाद का विषय बनी एसवाईएल की लड़ाई अब निर्णायक दौर में आ गई है। बुधवार को दोनो राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा आला अधिकारियों संयुक्त बैठक केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में होगी।

हालांकि इससे पहले भी दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर बैठक कर चुके हैं लेकिन बुधवार की बैठक इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि इस बैठक में दोनों राज्यों से फाइनल स्टैंड पूछा जाएगा। जिसके आधार पर केंद्र सरकार अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में देगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट वर्षों से लटक रहे इस मुद्दे पर अपना फैासला दे सकता है।

दरअसल, मई में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से पंजाब और हरियाणा को मामले को सुलझाने के लिए केंद्र के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पहले जल शक्ति मंत्री को इस मामले में मुख्य मध्यस्थ नियुक्त किया था और उनसे कहा था कि वे केवल मूक दर्शक बने रहने के बजाय सक्रिय भूमिका निभाएं। 6 मई को इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट जस्टिस गवई ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि यह मनमानी नहीं तो क्या है। नहर बनाने का आदेश पारित होने के बाद, इसके निर्माण के लिए अधिगृहीत जमीन को गैर-अधिसूचित कर दिया गया। अब सुप्रीम कोर्ट में 13 अगस्त को इस केस की सुनवाई होनी है।

बुधवार की बैठक में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को देररात तक चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास में एसवाईएल को लेकर अधिकारियों के साथ मीटिंग की। मीटिंग में मुख्यमंत्री सैनी ने अधिकारियों को विवादों से जुड़े सभी फैक्ट्स पर काम करने निर्देश दिए। मंगलवार को सचिवालय में अधिकारी दिनभर पुराना रिकार्ड खंगालने तथा पानी को लेकर हरियाणा की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करने में जुटे रहे। इस बैठक में जल संसाधन, सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण में देरी को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से हरियाणा के पक्ष में स्पष्ट आदेश दिए जाने के बावजूद पंजाब की भगवंत मान सरकार सहयोग की बजाय टकराव की राह पर है। सैनी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस बैठक में बातचीत से कोई हल जरूर निकलेगा।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी आज अधिकारियों के साथ बैठक करके पंजाब की रिपोर्ट तैयार की है। पंजाब एसवाईएल को वाईएसएल फार्मूले से निपटाने की पैरवी करेगा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान कह चुके हैं कि पंजाब में पानी की गंभीर स्थिति को देखते हुए सतलुज-यमुना-लिंक नहर के बजाय यमुना-सतलुज-लिंक नहर के निर्माण पर विचार किया जाना चाहिए। 12 मार्च, 1954 को पुराने पंजाब और उत्तर प्रदेश के बीच एक समझौते में यमुना के पानी से सिंचाई के लिए किसी विशेष क्षेत्र को नहीं दर्शाया गया था।

—————

(Udaipur Kiran) शर्मा

Most Popular

To Top