
कोलकाता, 08 जुलाई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) की नई नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर विवाद एक बार फिर अदालत की चौखट पर पहुंच गया है। नियुक्ति की संशोधित अधिसूचना और सिंगल बेंच द्वारा ‘चिह्नित अयोग्य’ अभ्यर्थियों को बाहर रखने के आदेश के खिलाफ कुछ अभ्यर्थियों ने अब कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर की है।
मामले के अनुसार, हाल ही में हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर एसएससी को आदेश दिया था कि अयोग्य घोषित अभ्यर्थियों को पूरी तरह से नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर रखा जाए। यदि उन्होंने आवेदन कर भी दिया है तो उन्हें तुरंत रद्द किया जाए। साथ ही आयोग को नई नियुक्ति अधिसूचना जारी करने का निर्देश भी दिया गया था।
इसी अधिसूचना को चुनौती देते हुए अब कुछ अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं। उनका तर्क है कि एक ऐसी प्रक्रिया, जिसे पहले ही अवैध माना गया है, उसमें शिक्षक के अनुभव के आधार पर अतिरिक्त 10 अंक और ‘लेक्चर डेमो’ के लिए 10 अंक देना न्यायसंगत नहीं है। इससे कई योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हो सकता है। साथ ही, आयुसीमा को लेकर भी अधिसूचना में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है, जिस पर सिंगल बेंच ने कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत राज्य के लगभग 26 हजार शिक्षक और शिक्षाकर्मी बर्खास्त हो चुके हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से चलाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत आयोग ने मई के अंत में नई अधिसूचना जारी की थी, लेकिन इसे लेकर लगातार आपत्तियां उठ रही हैं।
इससे पहले लुबाना परवीन नामक अभ्यर्थी ने भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया था कि 44 हजार पदों पर भर्ती के लिए जारी की गई अधिसूचना में आयुसीमा और अनुभव से जुड़ी शर्तों के जरिए नियमों का उल्लंघन किया गया है।
पुरानी अधिसूचना में लिखित परीक्षा के लिए 55 अंक, शैक्षणिक योग्यता के लिए 35 अंक और इंटरव्यू के लिए 10 अंक निर्धारित थे। जबकि नई अधिसूचना में लिखित परीक्षा के अंक बढ़ाकर 60 कर दिए गए हैं। शैक्षणिक योग्यता के लिए अंक घटाकर 10 कर दिए गए हैं। इसके बदले शिक्षण अनुभव और लेक्चर डेमो के लिए 10-10 अंक जोड़े गए हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
