
कोलकाता, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) ।
पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में ग्रुप-सी और ग्रुप-डी श्रेणी के उन गैर-शिक्षण कर्मचारियों का एक वर्ग, जिन्हें इस वर्ष अप्रैल में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पद से हटा दिया गया था, आज राज्य सचिवालय नवान्न तक विरोध मार्च निकाल रहा है।
विरोध मार्च को देखते हुए नवान्न और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, राज्य सचिवालय के चारों ओर तीन-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है और सभी संपर्क मार्गो को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि
ग्रुप-सी एवं ग्रुप-डी अधिकार मंच के बैनर तले एकजुट ये कर्मचारी अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर राज्य सरकार से समाधान की मांग कर रहे हैं। मंच का दावा है कि कुल रद्द की गई नियुक्तियों में से 3,395 नियुक्तियां पूर्णतः निष्कलंक थीं, जिन्हें तत्काल पुनः बहाल किया जाना चाहिए, वहीं जिनकी नियुक्ति में अनियमितता पाई गई है, उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए। दूसरी मांग यह है कि पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग द्वारा योग्य कर्मचारियों की प्रमाणित सूची तुरंत प्रकाशित की जाए। तीसरी मांग के तहत सभी उम्मीदवारों की ओएमआर उत्तर पुस्तिकाएं सार्वजनिक करने की बात कही गई है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किसकी नियुक्ति वैध थी और किसकी नहीं। चौथी मांग है कि जब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता, राज्य सरकार केवल निर्दोष कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करे और दोषियों को इसमें शामिल न किया जाए।
विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले कर्मचारी मंगलवार हावड़ा जिले के हावड़ा मैदान मेट्रो स्टेशन पर एकत्र होना शुरू करेंगे और वहां से सचिवालय नवान्न (मंदिरतला, हावड़ा) की ओर मार्च करेंगे। इससे पहले यह रैली तीन जुलाई को आयोजित की जानी थी, लेकिन पुलिस की अनुमति नहीं मिलने के कारण इसे आठ जुलाई को पुनर्निर्धारित किया गया। मंच के एक प्रतिनिधि ने बताया कि स्कूल सेवा आयोग के साथ कई दौर की बैठकें होने के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका, जिसके चलते उन्हें यह विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
