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पूर्व विधायक मलिंगा के खिलाफ लंबित केस जयपुर ट्रांसफर

हाईकाेर्ट

जयपुर, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की ओर से बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में धौलपुर की अदालत में चल रहे मुकदमे को जयपुर जिले की एससी, एसटी कोर्ट में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश पीडित हर्षाधिपति की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

अदालत ने कहा कि आरोपित को जमानत मिलने के बाद निकाले गए जुलूस से प्रतीत होता है कि उसने शक्ति प्रदर्शन किया था। वहीं उसके खिलाफ मारपीट के अन्य प्रकरण में दर्ज हैं। ऐसे में मारपीट के इस केस को ट्रांसफर करना उचित है। इसके साथ ही अदालत ने जयपुर पुलिस आयुक्त को कहा है कि वे प्रकरण की सुनवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम करेंगे। इसके अलावा धौलपुर एसपी गवाहों समन व नोटिस तामील कराने में सहयोग देंगे। अदालत ने मामले की त्वरित सुनवाई के लिए केस ऑफिसर स्कीम के तहत एक एसआई और दो एएसआई को भी सहयोग देने के लिए कहा है।

आपराधिक याचिका में अधिवक्ता अखिल सिमलोट ने अदालत को बताया कि आरोपित बाहुबली और प्रभावशाली है। धौलपुर में केस की सुनवाई होने से याचिकाकर्ता के साथ-साथ गवाहों को भी जान-माल का खतरा है। आरोपित मलिंगा के खिलाफ अन्य आपराधिक प्रकरण भी दर्ज है। ऐसे में केस को धौलपुर से बाहर भेजा जाए।

मामले के अनुसार 29 मार्च, 2022 को बाड़ी थाने में मलिंगा और उनके समर्थकों के खिलाफ याचिकाकर्ता पर हमला और मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। घटना को लेकर हाईकोर्ट ने 17 मई, 2022 को मलिंगा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए था। जमानत मिलने के बाद जुलूस निकालने के चलते अदालत ने 5 जुलाई, 2024 को मलिंगा की जमानत रद्द करते हुए उसे तीस दिन में सरेंडर करने को कहा था। इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई, 2024 को अंतरिम आदेश देते हुए हाईकोर्ट के जमानत रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। वहीं 8 नवंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक को हटाते हुए मलिंगा को सरेंडर करने को कहा था। मलिंगा के सरेंडर करने के बाद 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट ने मई, 2024 में धौलपुर कोर्ट में चल रही सुनवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

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(Udaipur Kiran)

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