
शिमला, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । फोरलेन निर्माण से प्रभावित लोगों की समस्याओं को लेकर हिमाचल किसान सभा, सीटू और अन्य जन संगठनों के संयुक्त आह्वान पर सोमवार को शिमला में एक अधिवेशन आयोजित किया गया। इसमें कैथलीघाट से ढली तक की 9 पंचायतों के 200 से अधिक प्रभावित लोगों ने भाग लिया। अधिवेशन में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 16 जुलाई को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के शिमला स्थित कार्यालय चक्कर में जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।
अधिवेशन में हाल ही में शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में फोरलेन निर्माण के कारण ध्वस्त हुए मकानों व क्षतिग्रस्त हुई अन्य इमारतों के प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा देने और असुरक्षित घोषित मकानों में रहने वालों के पुनर्वास की तत्काल व्यवस्था की मांग प्रमुखता से उठाई गई। साथ ही मांग की गई कि नुकसान के आकलन के लिए राज्य व केंद्र सरकार के विशेषज्ञ इंजीनियरों की एक स्वतंत्र समिति बनाई जाए, जिसकी निगरानी न्यायपालिका के अधीन हो।
राज्य किसान सभा के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि फोरलेन निर्माण हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में तबाही का कारण बन रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जलविद्युत परियोजनाओं, रेलवे, ट्रांसमिशन लाइन व एयरपोर्ट निर्माण के नाम पर प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं और उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा। उन्हाेंने मांग की कि प्रभावितों को ‘फैक्टर-2’ के तहत चार गुना मुआवजा दिया जाए, जैसा कि उच्च न्यायालय ने भी स्पष्ट किया है। यह भी कहा कि फोरलेन निर्माण के दौरान 45 मीटर की अधिग्रहीत भूमि के अतिरिक्त पहाड़ी कटिंग के चलते 60–90 प्रतिशत अतिरिक्त जमीन अस्थिर हो रही है जिससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं।
माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि फोरलेन प्रभावितों को संगठित होकर संघर्ष तेज करना होगा। विकास के नाम पर जिनकी जिंदगियां उजड़ी हैं, अब उन्हें संगठित आवाज बनानी होगी। उन्होंने सभी पंचायतों के लोगों से 16 जुलाई को एनएचएआई कार्यालय पर होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की। घोषणा की कि आने वाले दिनों में कैथलीघाट से ढली के बीच पंचायत स्तर पर बैठकें आयोजित कर संघर्ष को गति दी जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
