
कोलकाता, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । बैरकपुर के एक निजी अस्पताल में कथित रूप से चिकित्सकों को धमकाने और अस्पताल परिसर में हंगामा करने के मामले में भाजपा नेता कौस्तभ बागची को सोमवार को बैरकपुर अदालत से अग्रिम ज़मानत मिल गई। पुलिस ने इस संबंध में उन्हें दो बार नोटिस भेजा था, लेकिन वह अब तक थाने में पेश नहीं हुए थे।
मामला एक जुलाई का है, जब बैरकपुर के वायरलेस मोड़ के पास स्थित एक निजी अस्पताल में एक रोगी की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद भाजपा नेता कौस्तभ बागची पर आरोप लगा कि उन्होंने अस्पताल में पहुंचकर डॉक्टरों को धमकाया और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
सूत्रों के अनुसार, उस दिन अस्पताल परिसर में भाजपा नेता के अलावा कुछ अन्य लोग भी मौजूद थे, जिन्होंने कथित तौर पर तनावपूर्ण माहौल बनाया। घटना की जांच के दौरान पुलिस ने कौस्तभ बागची समेत एक अन्य व्यक्ति की पहचान की और उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया। पहली बार उन्हें शुक्रवार को थाने में बुलाया गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद उन्हें दोबारा मंगलवार को थाने में हाज़िर होने को कहा गया। हालांकि, सोमवार को उन्होंने कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की अर्जी दी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
इस घटना को लेकर राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है। तृणमूल कांग्रेस ने बैरकपुर नगरपालिका के वार्ड संख्या 10 स्थित कौस्तभ बागची के आवास के पास कई बार प्रदर्शन किया। कौस्तभ ने आरोप लगाया कि उनके घर को घेराव किया गया, जबकि तृणमूल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि कोई घेराव नहीं हुआ, बल्कि भाजपा नेता द्वारा डॉक्टरों के साथ किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रदर्शन किया गया।
कौस्तभ बागची ने अपने बचाव में बयान देते हुए कहा कि डॉक्टर समाज को मेरी मंशा को लेकर गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। मुझे डॉक्टरों से कोई शिकायत नहीं है। मैंने केवल उस निजी अस्पताल के प्रशासन और आरएमओ के रवैये के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, क्या वे भी इस अस्पताल में इलाज कराने जाएंगे और उचित सेवा पाएंगे?
इस पूरे विवाद पर अब तक तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पुलिस मामले की जांच जारी रखे हुए है और जल्द ही अगली कानूनी कार्रवाई की संभावना है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
