

नई दिल्ली, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू ने सोमवार को वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनियों से वित्तीय समावेश को बढ़ाना देने के लिए ऑफलाइन भुगतान समाधान पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि फिनटेक कंपनियां अपनी ताकत और नवाचार का लाभ उठाकर न केवल आम जनता तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाएं, बल्कि धोखाधड़ी, हैकिंग और अन्य साइबर खतरों के खिलाफ मजबूत समाधान विकसित करें।
एम. नागराजू ने नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित तीसरे वित्तीय समावेशन और फिनटेक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान यह बात कही। डीएफएस सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि यह हर भारतीय के लिए बहुत गर्व की बात है कि भारत भुगतान प्रणाली में कई देशों से बहुत आगे है। उन्होंने कहा कि हम वास्तव में अपने डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को कई अन्य देशों में विस्तारित करने का प्रयास कर रहे हैं। नागराजू ने कहा कि हमारी उपस्थिति सात देशों में है और हम कुछ और देशों के साथ बातचीत भी कर रहे हैं। शायद इस साल हम और भी देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे, जहां नागरिक हमारे यूपीआई सिस्टम के माध्यम से भुगतान करेंगे।
उन्होंने कंपनियों से आग्रह किया कि इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का अधिक से अधिक उपयोग करें। नागराजू ने फिनटेक कंपनियों से ऑफलाइन पेमेंट के लिए भुगतान समाधान पर ध्यान देने का अनुरोध करते हुए इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वित्तीय समावेशन को वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन में एक प्रमुख कारक के रूप में मान्यता मिल रही है। नागराजू ने फिनटेक नवाचार के लिए एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने में सरकार के निरंतर प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, जो मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे और परिवर्तनकारी कल्याण योजनाओं द्वारा समर्थित है। इनमें जन धन योजना और जन सुरक्षा योजनाएं हैं, जिनमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना और अटल पेंशन योजना ने औपचारिक वित्तीय सेवाओं की पहुंच का काफी विस्तार किया है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
