


जयपुर, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । गोविंद देवजी मंदिर में देवशयनी एकादशी का पावन पर्व भक्तिभाव से मनाया गया। गोविंद देवजी मंदिर में अल सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा जो देर शाम तक जारी रहा। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर पूजा-अर्चना की, भगवान विष्णु को शयन के लिए विदा किया और दान-पुण्य के कार्यों में भाग लिया। चार माह तक चलने वाले चातुर्मास की शुरुआत के साथ ही भगवान श्रीहरि विष्णु ने क्षीरसागर में योगनिद्रा में प्रवेश कर लिया है, और सृष्टि संचालन का दायित्व भगवान शिव को सौंपा गया। प्रातः काल ठाकुर श्री गोविंद देवजी का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके पश्चात उन्हें नवीन लाल रंग की नटवर पोशाक धारण करवाई गई। ठाकुरजी का रत्नजड़ित आभूषणों एवं पुष्पों से भव्य श्रृंगार कर उन्हें रथ पर विराजित कर तुलसी मंच तक ले जाया गया, जहाँ मंदिर के महंत आचार्य अंजन कुमार गोस्वामी ने विधिवत पूजन, तुलसी सेवा, भोग अर्पण, चार परिक्रमा एवं महाआरती संपन्न कराई। जिसके पश्चात ठाकुरजी को पारंपरिक रूप से खाट पर विराजमान कर निज मंदिर की परिक्रमा कराते हुए गर्भगृह में विश्राम के लिए विराजित किया गया।
ठाकुरजी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को मिला 2 मिनट से अधिक समय
देवशयनी एकादशी पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने झांकियों के समय में विस्तार किया। सुबह मंगला झांकी से लेकर रात की शयन झांकी तक मंदिर के पट लगभग 11 घंटे खुले रहे। हर दर्शन के बीच मात्र 15 मिनट के पट मंगल (अंतराल) के कारण दर्शन में व्यवधान नहीं हुआ। श्रद्धालुओं को औसतन 2 मिनट से अधिक समय तक ठाकुरजी के दर्शन प्राप्त हुए। देवशयनी एकादशी पर करीब दो लाख श्रद्धालुओं ठाकुरजी के दर्शनों के लिए मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर में दिनभर कीर्तन -सत्संग और भजन मंडलियों का आयोजन संपन्न् होता रहा।
नई दर्शन व्यवस्था के लिए डीसीपी राशि डोगरा ने मंदिर पहुंच कर लिया जायजा
देवशयनी एकादशी पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए डीसीपी राशि डोगरा सुबह मंगला झांकी के समय पुलिस अधिकारियों के साथ मंदिर परिसर पहुंची और नई दर्शन व्यवस्था का जायजा लिया। रविवार को पूरे दिन मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस बल,होमगार्ड एवं स्वयंसेवकों ने व्यवस्था संभाली।
लोहे की बैरिकेडिंग की जगह लगाई कपड़े की बैरिकेडिंग
नई दर्शन व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए इस बार मंदिर परिसर व मंदिर के बाहर की तरफ लोहे की बैरिकेडिंग की जगह कपड़े की बैरिकेडिंग लगाई गई। जिससे वातावरण खुला और सहज बना रहें। मंदिर परिसर में कपड़े की बैरिकेडिंग से दर्शन प्रक्रिया सुविधाजनक बनाया गया। कपड़े की बैरिकेडिंग का असर यह हुआ की मंदिर के बाहर भी किसी तरह का यातायात जाम नहीं हुआ। वहीं जलेब चौक और गुरुद्वारा के आसपास की पार्किंग व्यवस्था भी सुचारु रहीं।
देवशयनी एकादशी पर 51 सौ माला जप -यज्ञ और सोनावेश दर्शन का आयोजन
वहीं जगतपुरा स्थित गुप्त वृंदावन धाम में गुप्त वृंदावन धाम के पावन अवसर पर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने दिव्य धार्मिक कार्यक्रम में भाग लिया। ये पावन पर्व विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। श्रद्धालुओं ने देवशयनी एकादशी पर्व पर भगवान जगन्नाथ का सोनावेश अलंकार दर्शन किए जो वर्ष में केवल एक बार ही होता है। रथ यात्रा समापन के बाद, आज भगवान जगन्नाथ को सुनहरे अलंकारों से विभूषित किया गया। भगवान जगन्नाथ का सोनावेश अलंकार दर्शन को सौभाग्यशाली अवसर माना जाता है। रविवार को प्रात 11 से 2 बजे तक गुप्त वृंदावन धाम में महा जप-यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें 51 सौ माला हरे कृष्ण महामंत्र जप का संकल्प लिया गया। इस धार्मिक कार्यक्रम में देश-विदेश के सैकड़ों भक्तों ने ऑनलाइन व प्रत्यक्ष भाग लिया। 3 से 5 बजे तक गीता पारायण जूम ऐप पर आयोजन किया गया। वहीं साढ़े 6 से साढ़े 7 बजे तक सुभद्रा हॉल में एकादशी कथा का आयोजन हुआ। सवा 8 से 8 बजकर 45 मिनट तक शयन आरती व हरिनाम संकीर्तन किया गया। रविवार को होने के कारण अधिक भक्त मंदिर परिसर में पहुंचे और कृष्ण भक्ति में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
वैष्णव मंदिरों में देवशयनी एकादशी पर दिव्य झांकियों के दर्शन
इधर छोटी काशी के विभिन्न प्रमुख वैष्णवों मंदिरों में देवशयनी एकादशी पर श्रद्धा,भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला।
ठाकुर जी की विशेष शयन झांकियों के दर्शनों के लिए दिनभर हजारों श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिला।देवशयन एकादशी पर देर रात तक श्रद्धालु ठाकुरजी के दर्शन के लिए उमड़े और मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगा रहा।
इस अवसर पर श्री सरस निकुंज दरिबा पान, सुभाष चौक स्थित आचार्य पीठ पर पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज जी के सान्निध्य में भव्य एकादशी महोत्सव का आयोजन हुआ। श्री राधा सरस विहारी जू सरकार का पंचामृत अभिषेक, वेदोक्त मंत्रोच्चार, ऋतु पुष्पों से विशिष्ट श्रृंगार एवं मनोहारी शयन कुंज झांकी ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया के अनुसार शयन झांकी में विशेष पद गायन और भजन संध्या का आयोजन हुआ।
इसके साथ ही चौड़ा रास्ता स्थित श्री राधा दामोदर जी, मदन गोपाल जी, पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी, रामगंज बाजार स्थित लाड़ली जी सहित अन्य वैष्णव मंदिरों में भी भव्य श्रृंगार, अभिषेक एवं झांकी दर्शन के कार्यक्रम सम्पन्न हुए। श्याम मंदिरों में अखंड ज्योति प्रज्वलन, हरिनाम संकीर्तन एवं रात्रिकालीन भजन संध्याओं का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने दिव्य अनुभूति के साथ भाग लिया।
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(Udaipur Kiran)
