देहरादून, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । विश्व पुलिस व फायर गेम्स 2025 में उत्तराखंड के फायर फाइर्टस ने भारत का गौरव बढ़ाया। उत्तराखंड की टीम ने पहली बार गेम्स में प्रतिभाग कर 9 पदक जीतकर भारत का नाम मैडल टैली में आगे किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी हैं।
बर्मिंघम, अमेरिका में आयोजित वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स 2025 में पहली बार भाग ले रहे उत्तराखंड फायर सर्विस के जवानों ने अद्भुत साहस, सहनशक्ति और अनुशासन का प्रदर्शन करते हुए भारत और उत्तराखंड का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि से उत्तराखंड फायर एवं इमरजेंसी सेवा में गर्व और उत्सव का माहौल है।
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में 70 से अधिक देशों के 8500 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। भारत की ओर से चार उत्तराखंड के अग्निशमन कर्मी टीम इंडिया का हिस्सा बने, और यह पहली बार था जब उत्तराखंड फायर सर्विस के फायर फाइटर्स ने इस वैश्विक खेल महाकुंभ में भागीदारी की। 04 फायर फायरटर्स में एक पुरूष व तीन महिला फायर फाइटर्स थी। टीम के कुल 09 पदकों में से दो स्वर्ण, तीन रजत और 4 कांस्य पदक शामिल किए। फायर सर्विस चालक दिनेश चंद्र भट्ट ने अल्टीमेट फायर फाइटर प्रतियोगिता में 1 रजत पदक और फायर फाइटिंग चैलेंज में 1 कांस्य पदक अर्जित किया।
महिला फायर फाइटर्स डिंपल, माधुरी भंडारी व पिंकी रावत ने अल्टीमेट फायर फाइटर (महिला टीम) श्रेणी में 1 कांस्य पदक और स्टेयर रन (फुल फायर गियर-महिला टीम) में 1 रजत पदक प्राप्त किया। डिंपल रावत ने कुल 6 पदकों के साथ प्रतियोगिता में देश के साथ ही एवं उत्तराखण्ड की ओर से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। डिंपल ने स्टेयर रन (फुल फायर गियर-मिक्स टीम) में 1 स्वर्ण पदक, स्टेयर रन (कैज़ुअल-मिक्स टीम) में 1 स्वर्ण पदक, स्टेयर रन (फुल फायर गियर-व्यक्तिगत) में 1 रजत पदक, स्टेयर रन (कैज़ुअल-व्यक्तिगत) में 1 कांस्य पदक अपने नाम किया। उनका यह प्रदर्शन न केवल उत्तराखंड के लिए, बल्कि भारत के लिए भी अत्यंत गौरव का विषय रहा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे फायर कर्मियों का जीता गया हर पदक केवल एक जीत नहीं, बल्कि यह समर्पण, शारीरिक फिटनेस और मानसिक दृढ़ता का प्रमाण है, जो उत्तराखंड फायर सर्विस की पहचान है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों का सामना करते हुए हमारे अग्निशमन योद्धा न केवल जीवन रक्षक के रूप में, बल्कि वैश्विक चैंपियन के रूप में उभरे हैं।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
