Uttar Pradesh

यौमे आशुरा पर काशी में गूंजी या हुसैन की सदाएं,अलम व ताजिया के साथ खंजर और कमा का मातम

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— मातमी माहौल में ताजिये इमामबाड़ों में ठंडे किए गए

—ताजिये के जुलूस में शामिल युवाओं और किशोरों ने फन-ए-सिपहगरी का प्रदर्शन किया

वाराणसी,06 जुलाई (Udaipur Kiran) । धर्म नगरी काशी में यौमे आशूरा (दसवीं मुहर्रम) पर रविवार को जिले के शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण अंचल में भी ताजिये इमामबाड़ों में ठंडे किए गए। जिले में दोपहर बाद से ही सड़कों पर ‘या हुसैन की सदा’ गूंजने लगी। कड़ी सुरक्षा के बीच मुस्लिम समाज के युवा,बच्चे और बुर्जुग जुलूस के साथ इमाम चौकों पर रखे ताजियों को लेकर मातमी माहौल में ‘या हुसैन की सदा’ के बीच इमामबाड़ों के लिए निकले । ताजियों को कांधा देने के लिए समाज के लोगों में होड़ लगी रही। जगह —जगह समाजसेवी संगठनों ने शरबत और तबर्रुक का वितरण कैंप लगाकर किया। जुलूस के रास्ते में युवाओं और किशोरों ने युद्ध कौशल (फन-ए-सिपहगरी) का प्रदर्शन किया। जिसे देखने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर भीड़ जुटी रही। कई जगहों पर खंजर और कमा का मातम भी हुआ। मातम करने वालों का शरीर खून से लथपथ दिखा। लेकिन उनका भाव रहा घाव लग जाये तो कोई गम नही,खून बह जाये तो कोई फिक्र नहीं,इमाम हुसैन की शहादत के आगे हर दर्द कम है। ताजिये के जुलूस में रांगे का ताजिया,बुर्राक का ताजिया, जरी वाला ताजिया, पीतल वाला ताजिया,थर्माकोल व वेलवेट के ताजिये,तुर्बत का ताजिया लोगों में आकर्षण का केन्द्र रहे। शहर में पीलीकोठी, पठानी टोला, चौहट्टा लाल खां, बड़ी बाजार, दोषीपुरा, कज्जाकपुरा, काजी शादुल्लाहपुरा आदि इलाकों की ताजिये के जुलूस में भारी भीड़ दिखी। इस दौरान बोल मोहम्मदी, या हुसैन..या हुसैन व नारे तकबीर अल्लाह हो अकबर…. की सदाएं भी बुलंद होती रहीं।

शहर के अर्दली बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मदनपुरा, बजरडीहा आदि इलाकों से ताजिया दरगाहे फातमान की ओर रवाना हुईं। शिवाला इमामबाड़ा की और गौरीगंज के अलावा बजरडीहा व मदनपुरा की ताजिया निकलीं। आदमपुर में तेलियाना, हनुमान फाटक, कज्जाकपुरा, जलालीपुरा होते हुए सरैया स्थित कर्बला तक ताजिया जुलूस निकाला। देर रात तक दरगाह फातमान, लाट सरैैंया, इमामबाड़ा व भवनियां (भेलूपुर) में ताजियों के ठंडा करने का सिलसिला चलता रहेगा। नौवीं और दसवी मोहर्रम पर हजारों लोगों ने रोजा भी रखा। शाम को मगरिब की अजान के साथ लोगों ने खजूर से रोजा इफ्तार किया। सुबह कर्बला के शहीदों के नाम पर घरों में फातिहा भी पढ़ी गई।

इसके पहले शनिवार शाम को शहर और ग्रामीण अंचल के सभी इमाम चौकों पर ताजिये बैठाए दिए गए। शाम से ताजिये की जियारत करने और फातिहा पढ़ने वालों की भीड़ उमड़ी रही। शहर के दालमंडी, नई सड़क, मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, सरैया, जलालीपुरा, जैतपुरा, पीलीकोठी, बड़ी बाजार,शिवाला, बजरडीहा, लोहता, रामनगर,हुकुलगंज,तेलियाबाग आदि इलाकों में देर रात तक बच्चे और महिलाएं ताजिया देखने के लिए उमड़ती रही।

—10 वीं मुहर्रम को इमाम हुसैन और उनके 71 साथी शहीद हुए थे

शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर के अनुसार इस्लामी कैलेंडर के सन् 61 हिजरी में 10वीं मुहर्रम को इमाम हुसैन व उनके 71 भूखे-प्यासे साथियों को जालिम यजीदी सेना ने कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया था। उसी की याद में हम लोग जुलूस निकाल कर इमाम हुसैन के प्रति अपने जज्बातों को व्यक्त करते हैं।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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