
कहा मैंने कभी माफी मांगी ही नहीं, आप निर्दोष हैं तो पीड़ितों के बीच चलिए
जयपुर, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले और मानहानि केस में दिए गए बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। गहलोत ने साफ शब्दों में कहा कि उन्होंने कभी माफी नहीं मांगी और न ही किसी पर झूठा आरोप लगाया है। उन्होंने शेखावत को खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि वे स्वयं को निर्दोष मानते हैं तो उनके साथ चलकर पीड़ित निवेशकों से मिलें और पैसा वापस दिलाने के लिए संघर्ष करें।
गहलोत ने कहा कि वे कहते हैं मैंने उनकी मां का अपमान किया। मैं आज भी उनकी मां का सम्मान करता हूं। बल्कि उनकी दिवंगत आत्मा स्वर्ग में इनसे शिकायत कर रही होगी कि आपने मेरे नाम से पैसे जमा कराए और मुझे बदनाम किया। उन्होंने यह बात रविवार को मानसरोवर में कांग्रेस के नए मुख्यालय भवन के शिलान्यास समारोह के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही।
पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनका शेखावत से कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं उनके पिता का भी सम्मान करता हूं। लेकिन जब इतना बड़ा घोटाला हुआ है, और आप उससे जुड़े रहे हैं, तो जिम्मेदारी बनती है कि आप जनता को सच्चाई बताएं। अगर गलती हुई तो कहें, लेकिन अपने को निर्दोष साबित करने के बजाय उलटे मुझे माफी मांगने को कह रहे हैं।
गहलोत ने बताया कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब एसओजी ने उन्हें बताया था कि शेखावत और उनके परिवार के नाम एफआईआर में हैं। उन्होंने कहा कि मैंने वही बात जनता को बताई ताकि पीड़ितों को भरोसा हो कि सरकार उनके पक्ष में है। गहलोत ने दावा किया कि एसओजी की रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि वे अभियुक्त हैं। बाद में सत्ता बदलते ही दो महीने में नई रिपोर्ट बनाकर उन्हें क्लीन चिट दे दी गई, जबकि हाईकोर्ट ने केवल यह कहा कि एफआईआर रद्द नहीं हुई है और ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेकर आगे की कार्रवाई हो सकती है।
गहलोत ने कहा कि उन्होंने शेखावत से अनुरोध किया था कि वे दोनों मिलकर बाड़मेर, जोधपुर जैसे इलाकों में जाकर पीड़ितों से मिलें और विश्वास दिलाएं कि उनके साथ न्याय होगा। हमने दो साल में जांच रिपोर्ट तैयार की थी, लेकिन सत्ता बदलते ही दो महीने में रिपोर्ट बन गई। अगर हमारी नीयत खराब होती तो हम भी दो महीने में रिपोर्ट बनाते और वे जेल जाते।
उल्लेखनीय है कि 2008 में बाड़मेर से शुरू हुई संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी ने हाई रिटर्न, विदेश यात्रा और एजेंट कमीशन के लालच में करीब डेढ़ लाख निवेशकों से 950 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की। कंपनी की बही में 1100 करोड़ रुपये के फर्जी ऋण दर्शाए गए। मुख्य आरोपी विक्रम सिंह समेत कई गिरफ्तारियां हुईं। शुरूआती जांच में शेखावत और उनके परिवार के नाम सामने आए थे, लेकिन सरकार बदलने के बाद एसओजी ने रिपोर्ट में उनका नाम हटा दिया और हाईकोर्ट ने उसी आधार पर उन्हें राहत दी, हालांकि एफआईआर रद्द नहीं की गई।
गौरतलब है कि पांच जुलाई को जोधपुर में मीडिया से बात करते हुए केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि गहलोत ने मेरी मां का अपमान किया है। वह मीडिया के जरिए माफी मांग रहे हैं। मैं माफी देने वाला नहीं हूं।
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(Udaipur Kiran) / अखिल
