Haryana

यूएचएस के कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला से अवॉर्ड लेते डॉ एच के अग्रवाल

पूरे देश से सिर्फ पांच चिकित्सकों को मिला यह अवार्ड

हरियाणा से सिर्फ डॉक्टर अग्रवाल को मिला यह अवार्ड

रोहतक , 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । अपने मृदुल स्वभाव व मरीजों की सेवा के लिए कभी भी दिन रात की परवाह ना करने के लिए विख्यात फिजिशियन और पंडित भगवत दयाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एच के अग्रवाल को नई दिल्ली में आयोजित एक वार्षिक कांफ्रेंस में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया है।

मेडिसिन विभाग के डॉ.दीपक जैन ने रविवार को बताया कि नई दिल्ली में इन्नोवेटिव फिजिशियन फोरम की दो दिवसीय सातवीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आईपीएफ मेडिकोंन 2025 का रॉयल कॉलेज ऑफ़ फिजिशियन एडिनबर्ग लंदन के सौजन्य से आयोजन किया गया था। कॉन्फ्रेंस की थीम दा फ्यूचर आफ़ इंटरनल मेडिसिन, एजुकेशन रिसर्च एंड प्रैक्टिस इन चेंजिंग वर्ल्ड रखी गई थी। इस कांफ्रेंस में पूरे देश विदेश के फिजिशियनो ने हिस्सा लिया था।

कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के तौर पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला उपस्थित हुए थे, उन्होंने बताया कि कांफ्रेंस में मेडिसिन के क्षेत्र में मरीजों के हित के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करने के लिए पूरे देश से सिर्फ पांच चिकित्सकों का चयन किया गया था, जिन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर एच के अग्रवाल को मरीजों के प्रति उनके समर्पण भाव, मरीजों के लिए हमेशा कुछ नया करने, नवीनतम तकनीक से मरीजों को इलाज इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहने और मेडिकल एजुकेशन एवं क्लीनिकल एक्सीलेंस के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें यह प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

कुलपति डॉ एच के अग्रवाल ने कहा कि उनका हमेशा यही प्रयास रहा है कि वे मरीजों के हित के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि वे इस प्रतिष्ठित अवार्ड को उन्हें प्रदान के लिए आईपीएफ मेडिकोन व रॉयल कॉलेज आफ फिजिशियंन एडिनबर्ग का धन्यवाद व्यक्त करते हैं। डॉ अग्रवाल ने कहा कि वे अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपनी माता व पत्नी को देते हैं जिन्होंने हमेशा उन्हें मरीजों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया, जिसके चलते वे अपने परिवार को भी कम समय दे पाए। उन्होंने कहा कि उनका भविष्य में भी यही प्रयास रहेगा कि मरीज के हित के लिए अधिक से अधिक कार्य करें और विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों के शिखर तक लेकर जाएं।

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(Udaipur Kiran) / अनिल

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