

नई दिल्ली, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) । राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का ने कहा कि संस्थापिका लक्ष्मीबाई केलकर के जीवन से प्रेरणा लेते हुए हमें सीखना चाहिए कि गरुड़ रूपी राष्ट्र का विकास महिला एवं पुरुष दोनों के योगदान से ही संभव हो सकता है। शांता अक्का ने कहा कि मातृशक्ति की संगठित चेतना राष्ट्रनिर्माण का आधार है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन एवं समाज में दिशा देने का कार्य एकमात्र महिला ही अपने नवाचार विचारों से ही कर सकती है, जोकि कमजोरी को सुदृढ़ता में परिवर्तित करने का साहस रखती है।
वे शनिवार को राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका एवं आद्य संचालिका लक्ष्मीबाई केलकर (मौसी जी) के अवतरण दिवस के उपलक्ष में आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थीं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में आयोजित इस संकल्प दिवस समारोह में शांता अक्का ने कहा कि कोई भी समाज तभी शक्ति भर सकता है जब परस्पर समन्वित, परस्पर स्वावलंबी व परस्पर पूरक होगा। परिवार व समाज एक संकल्पित राष्ट्र है।
इस मौके में मुख्यातिथि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आयोजन को वैचारिक आत्ममंथन का अवसर कहा। उन्होंने परिवार, समाज और राष्ट्र के विकास के लिए महिलाओं की भूमिका को अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि यह दौर बेटियों को बढ़ाने का समय है। रेखा गुप्ता ने कहा की लक्ष्मी शब्द अपने आप में ही प्रेरक शक्ति है I आज की महिला किसी भी परिस्थिति में न घबराती है और न डरती है। सेविका समिति के आदर्शों पर चलते हुए महिलाएं राष्ट्र के विकास में योगदान दे रही हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. अजय कुमार भागी (अध्यक्ष एनडीटीएफ) दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा कि मौसी जी के जन्मदिवस को संकल्प रूप में मनाते हैं, जिसमें हम भविष्य का एजेंडा निश्चित करते हैं। उन्होंने आपसी जुड़ाव से समाज परिवर्तन की बात कीI
कार्यक्रम की अध्यक्षा पूजा सूर्या (डायरेक्टर सूर्या रोशनी) ने महिला की तुलना रानी लक्ष्मीबाई, मीरा बाई एवं अहिल्या बाईं होलकर से की। इस अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति दिल्ली का इतिहास पर आधारित ‘विकास गाथा’ पुस्तक एवं ‘मेधाविनी’ वार्षिक पत्रिका का विमोचन हुआ। कार्यक्रम में प्रांत प्रचारिका विजया शर्मा, प्रांत संचालिका प्रो. (डॉ) चारू कालरा, शरण्या की अध्यक्षा अंजू आहूजा, प्रांत कार्यवाहिका सुनीता भाटिया, प्रांत सह कार्यवाहिका विदुषी, प्रो. (डॉ) निशा राणा मेधाविनी सिंधु सृजन, प्रान्त संयोजिका एवं अन्य वरिष्ठ सेविकाओं की गरिमामय उपस्थिति रहीI
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
