
कोरबा, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के करतला ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र में स्थित छोटे से गांव तिलईडबरा में शिक्षा की तस्वीर अब बदलने लगी है। वर्षों से शिक्षक की कमी से जूझते शासकीय प्राथमिक शाला में अब युक्तियुक्तकरण के तहत नियमित शिक्षिका श्रीमती संगीता कंवर की पदस्थापना की गई है, जिससे गांव में शिक्षा की नई रोशनी पहुंची है। शिक्षिका संगीता कंवर ने विद्यालय में पदभार ग्रहण करने के साथ ही बच्चों को पढ़ाना प्रारंभ किया। आज वे नियमित रूप से कक्षाएं ले रही हैं और बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा दे रही है। शिक्षिका की उपस्थिति से बच्चों का मन भी पढ़ाई में मन जम रहा और वे भी अध्ययन में रुचि ले रहे।
संगीता कंवर बताती हैं कि प्रदेश सरकार ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से युक्तियुक्तकरण की नीति अपनाई है। इस नीति के अंतर्गत शाला व शिक्षकों का समुचित और आवश्यकतानुसार समायोजन किया गया, जिससे ऐसे विद्यालयों में भी शिक्षक पहुंच सके, जहां वर्षों से कोई शिक्षक नहीं था। ताकि हर बच्चे को विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई के समान अवसर मिल सकें। उन्होंने बताया कि तिलईडबरा का प्राथमिक शाला कुछ समय से शिक्षकविहीन था, इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। पालक भी शिक्षक की कमी के कारण बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित थे। बच्चों की कक्षा संचालन के लिए आस-पास के विद्यालयों से शिक्षक की व्यवस्था किया जाता था, लेकिन वह पर्याप्त नहीं था।
गांव वासियों के लिए यह विद्यालय इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि वे अपने छोटे बच्चों को दूर के स्कूल नहीं भेज सकते थे। ऐसे में एक स्थायी शिक्षक की नियुक्ति लंबे समय से आवश्यक थी। अब जब युक्तियुक्तकरण नीति के तहत यहां शिक्षिका की नियुक्ति हुई है, तो बच्चों की पढ़ाई में भी नियमितता आई है। बच्चों में भी शाला आने में नया उत्साह देखने को मिल रहा है। अब वे समय से पहले शाला पहुंचने लगे हैं। पालकों का कहना है कि अब उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं रही, क्योंकि उन्हें एक समर्पित शिक्षिका मिल गई है। जिससे अब उनके बच्चों को न केवल शिक्षा का अधिकार मिल रहा है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अनुभव भी हो रहा है।
(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी
