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वर्षा जल का संग्रह : स्वस्थ जीवन की दिशा में एक कदम

वर्षा जल का संग्रह : स्वस्थ जीवन की दिशा में एक कदम

जयपुर, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । बारिश प्रकृति का सबसे शुद्ध उपहार है,लेकिन यदि इसका उपयोग समझदारी से न किया जाए, तो यह वरदान कभी-कभी संकट भी बन सकता है। वर्षा जल का सही समय पर संग्रह करना न केवल जल संकट का समाधान है, बल्कि स्वास्थ्य की रक्षा का भी साधन है।

प्रदेश संयोजक प्रवासी संघ राजस्थान भीम सिंह कासनिया ने बताया कि मानसून की पहली दो बारिशें वायुमंडल, छतों और नालियों में जमा धूल, धुआं, प्रदूषण और कीटाणुओं को साफ करती हैं। अगर हम इस शुरुआती प्रदूषित पानी को पीने या संग्रह करने में इस्तेमाल करें, तो यह बीमारियों जैसे पेट संक्रमण, स्किन एलर्जी, और जलजनित रोगों का कारण बन सकता है।

सही तरीका क्या है?

प्रारंभिक वर्षा को बहने दें,पहले दो बारिशों का पानी उपयोग न करें।

तीसरी वर्षा से जल संग्रह करें तब तक छतें, पाइप और वातावरण काफी हद तक साफ हो चुके होते हैं।

फिल्टर और टैंक का उपयोग करें संग्रहित जल को छनने के बाद ही उपयोग में लें।

साफ़ टैंक और ढक्कन से जल को सुरक्षित रखें, जिससे मच्छर या गंदगी न पहुंचे।

लाभ क्या हैं?

शुद्ध पीने का पानी मुफ्त में प्राप्त होता है।

बीमारियों से बचाव होता है।

भविष्य की जल कमी से राहत मिलती है।

गांव-घर आत्मनिर्भर बनते हैं।

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(Udaipur Kiran)

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