
पानीपत, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने घोषणा की कि स्कूलों में अब हर वर्ष जुलाई माह के पहले शनिवार को शतरंज दिवस मनाया जाएगा। इस पहल की शुरुआत शनिवार को राजकीय माध्यमिक विद्यालय (जीएमएस) कचरौली, पानीपत से की गई। इस महत्वपूर्ण पहल का शुभारंभ आज राज्यभर के स्कूलों में उत्साहपूर्वक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा उपस्थित रहे,वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय शिक्षा विभाग, हरियाणा के अतिरिक्त निदेशक सुनील बजाज ने की। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने विद्यालय परिसर में विशाल शतरंज बोर्ड पर प्रथम चाल चलकर चेस डे’ का औपचारिक उद्घाटन किया।
शिक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि शतरंज केवल एक खेल नहीं बल्कि बुद्धि, धैर्य, योजना, निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान कौशल को विकसित करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में विद्यार्थियों को ऐसे बौद्धिक खेलों से जोड़ना समय की मांग है. जिससे उनका मानसिक विकास संतुलित ढंग से हो सके। इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने बच्चों से साथ साथ शिक्षकों से भी चेस खेलने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि अगर शिक्षक मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे तो विद्यार्थी अपने आप ही स्वस्थ होंगे।
महिपाल ढांडा ने कहा की अध्यापको के लिए भी चेस प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाये ताकि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सके। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने विद्यालय प्रशासन को विद्यालय स्तर पर ‘चेस क्लब’ गठित करने तथा नियमित शतरंज कक्षाएं आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में शतरंज को स्कूलों की सह-पाठ्यक्रम गतिविधि के रूप में और अधिक मजबूती से लागू किया जाएगा ताकि हर बच्चा अपनी बौद्धिक क्षमता को नई ऊँचाइयों तक ले जा सके।
महिपाल ढांडा ने कहा कि हरियाणा के बच्चे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शतरंज में राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। शतरंज खेल से बच्चों में धैर्य, अनुशासन और तर्क शक्ति विकसित होती है जो जीवन में सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी राकेश बूरा, विक्रम सहरावतखंड शिक्षा अधिकारी, पानीपत समेत गणमान्य अतिथि, अध्यापकगण, अभिभावक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / अनिल वर्मा
