
जोधपुर, 5 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत में निर्मित पहले स्वदेशी सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम के निर्माता, एसएस इनोवेशन इंटरनेशनल ने आज एसएसआई मंत्रा एम मेड इन इंडिया सर्जिकल रोबोट यात्रा के दूसरे पड़ाव जोधपुर में आगमन के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। यह यात्रा 2 जुलाई को गुरुग्राम से हरियाणा सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह द्वारा झंडी दिखाकर शुरू की गई थी और अब यह एम्स जोधपुर में 4 से 6 जुलाई तक आयोजित रोबोटिक यूरोलॉजी फॉरम कॉन्फ्रेंस (आरयूएफसीओएन) के दौरान पहुँची है। इस अवसर पर डॉक्टर, मेडिकल छात्र, स्वास्थ्य पेशेवर एवं आम जनता ने लाइव सर्जरी डेमो का अनुभव लिया और देखा कि कैसे अब उन्नत रोबोटिक सर्जरी दूर से नियंत्रित की जा सकती है।
विशेष रूप से तैयार किए गए वाहन में स्थित एसएसआई मंत्रा एम यूनिट चिकित्सा पेशेवरों को रोबोटिक सर्जरी के प्रत्यक्ष अनुभव और सहभागिता का अवसर प्रदान करती है। यह एक प्रशिक्षण मंच के रूप में कार्य करती है, जिससे डॉक्टर इस तकनीक की क्षमताओं और स्वास्थ्य सेवा में इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को समझ सकें। 6 जुलाई को एसएसआई मंत्रा एम यूनिट एम्स जोधपुर में आरयूएफसीओएन के दौरान एक और दिन तक प्रदर्शन में रहेगी। 7 जुलाई को यह यूनिट जोधपुर के मथुरादास माथुर मेडिकल कॉलेज जाएगी, जहाँ उन्नत रोबोटिक सर्जरी पर लाइव प्रदर्शन और इंटरैक्टिव सत्र जारी रहेंगे।
मंत्रा मेड इन इंडिया सर्जिकल रोबोट यात्रा के अखिल भारतीय दौरों के बारे में बात करते हुए, एसएस इनोवेशंस के संस्थापक, चेयरमैन और सीईओ डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि एसएसआई मंत्रा एम यात्रा को जोधपुर लाना मेरे लिए अत्यंत गर्व का विषय है। केवल एक हेल्थकेयर इनोवेटर के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो भारत के चिकित्सा परिदृश्य को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। एम्स जोधपुर द्वारा आयोजित आरयूएफसीओएन जैसे प्रतिष्ठित मंच पर हमारे स्वदेशी रूप से विकसित सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम को प्रदर्शित करना इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करता है।
इस पहल पर एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी ने बताया कि हम एम्स जोधपुर में आरयूएफसीओएन के तहत एसएसआई मंत्रा एम सर्जिकल रोबोट यात्रा का स्वागत कर गर्वित हैं। यह पहल भारत की चिकित्सा नवाचार शक्ति का प्रमाण है और हमारे फैकल्टी तथा छात्रों को भविष्य की सर्जिकल तकनीक को नजदीक से अनुभव करने का अनमोल अवसर प्रदान करती है। ऐसी पहलों से निश्चित ही देश भर के चिकित्सा संस्थानों में रोबोटिक सर्जरी की व्यापक स्वीकृति और समावेशन को प्रोत्साहन मिलेगा।
(Udaipur Kiran) / सतीश
