Uttar Pradesh

शंकरगढ़ की जीवन रेखा है लोनी नदी, जीर्णोद्धार से कई गांवों के जलस्तर में आएगा सुधार: वाचस्पति

लोनी नदी के जीर्णोद्वार कार्य का शुभारम्भ करने से पूर्व भूमिपूजन का छाया चित्र
लोनी नदी के जीर्णोद्वार कार्य का शुभारम्भ करने से पूर्व भूमिपूजन का छाया चित्र

प्रयागराज, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । शंकरगढ़ की जीवन रेखा कही जाने वाली लोनी नदी के जीर्णोद्धार से आस—पास के कई गांवों के जल स्तर में सुधार आएगा। इसके साथ ही वन्य जीवों को लिए इसका जल रामबाण साबित होगा। यह बात शुक्रवार को लोनी नदी जीर्णोद्धार कार्य शुभारम्भ से पूर्व भूमिपूजन कार्यक्रम के बाद बारा के विधायक डॉक्टर वाचस्पति ने कहा।

उन्होंने कहा कि लोनी नदी के किनारे आने वाले गांव बेनीपुर, शिवराजपुर, जोरवट, कपारी, पगुवार, कल्याणपुर, बढैया, मवैया पहलवान, करिया खुर्द, करियाकला, देवरीबेनी, नेवरिया, पहाडीकला, और देवरा ग्राम पंचायत के जल स्तर में काफी सुधार आएगा। लोनी नदी विकास खण्ड शंकरगढ़ की जीवन रेखा है और कृषि कार्य में बहुत बड़ा योगदान है। वर्षा ऋतु में पर्याप्त जल की उपलब्धता होती है जबकि ग्रीष्म काल में जल की उपलब्धता बहुत कम हो जाती है।

मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर शंकरगढ़ की जीवन रेखा कही जाने वाली लोनी नदी के जीर्णोद्धार कराने की योजना तैयार की गई। इसकी लगभग 32.70 किलोमीटर लंबाई है। विकासखंड शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत गाढ़ा कटरा से जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ किया। इससे पूर्व वैदिक मंत्रों के साथ भूमि पूजन किया गया।

इस मौके पर बारा विधायक वाचस्पति, परियोजना निदेशक उपायुक्त श्रम रोजगार गुलाब चन्द्र,विकास खण्ड अधिकारी मनोज कुमार सिंह, ग्राम प्रधान कामता सिंह अन्य प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे। इस मौके पर ग्राम पंचायत गाढ़ा कटरा के पहाड़ी में मियावाकी तकनीकी से वृहद पौधरोपण का शुभारम्भ किया गया। यहां चार हजार पौध रोपण किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल

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