
जयपुर, 4 जुलाई (Udaipur Kiran) । । राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कांग्रेस के तत्कालीन 81 विधायकों के इस्तीफे देने से जुड़े मामले में अपने और 75 विधायकों के इस्तीफे की कॉपी स्पीकर को सौंपने वाले तत्कालीन पांच विधायकों पर नोटिस तामील नहीं होने पर मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी। अदालत ने पांचों विधायकों पर नोटिस तामील कराने को कहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस चन्द्र प्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने यह आदेश भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि अदालत की ओर से पूर्व में छह विधायकों शांति धारीवाल, महेश जोशी, रफीक खान, महेन्द्र चौधरी, रामलाल जाट व संयम लोढ़ा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है, लेकिन अभी तक सिर्फ रफीक खान को ही नोटिस की तामील हुई है। इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी।
याचिका में कहा गया कि 81 विधायकों ने 25 सितंबर, 2022 को विधानसभा स्पीकर को अपने इस्तीफे दिए थे। इसके बाद याचिकाकर्ता ने कई बार स्पीकर को प्रतिवेदन देकर इस्तीफों पर निर्णय करने को कहा, लेकिन उन्होंने कोई निर्णय नहीं किया। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को कहा गया कि इस्तीफा देने के बाद इन 81 विधायकों ने वेतन भत्तों के तौर पर करीब 18 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं। ऐसे में इस बिन्दु पर उचित आदेश दिए जाए। इसके अलावा स्पीकर के समक्ष लंबित इस्तीफों के संबंध में निर्णय करने की अधिकतम समय सीमा तय की जाए। अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने बताया कि इन छह तत्कालीन विधायकों ने अपने व 75 अन्य विधायकों के इस्तीफे स्पीकर को सौंपे थे। वहीं तत्कालीन स्पीकर ने इन इस्तीफों को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि विधायकों ने अपने इस्तीफे स्वेच्छा से नहीं दिए थे। इसलिए इन विधायकों को मामले में पक्षकार बनाने के लिए प्रार्थना पत्र इसलिए दायर किया था, ताकि पता चल सके कि विधायकों ने किसके दबाव में विधानसभा स्पीकर को इस्तीफे सौंपे थे।
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(Udaipur Kiran)
