
गुवाहाटी, 4 जुलाई (Udaipur Kiran) । असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि असम और मेघालय के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल के तहत पहला सीमा स्तंभ स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बताया कि वर्ष 1972 में मेघालय को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा मिलने के साथ ही दोनों राज्यों के बीच कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं रही, जिसके कारण समय-समय पर विवाद और भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती रही है।
उन्होंने बताया कि समय यूं ही बीतता गया और 50 वर्षों के बाद वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में असम और मेघालय के बीच 12 विवादित क्षेत्रों में से 6 स्थानों पर सीमा निर्धारण के लिए एक ऐतिहासिक सहमति समझौता (बोर्डर एग्रीमेंट) किया गया। इस ऐतिहासिक समझौते के क्रियान्वयन के तहत अब पहला सीमा स्तंभ स्थापित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह सीमा स्तंभ दोनों राज्यों के बीच मित्रता की एक मजबूत पुल का कार्य करेगा। इससे दोनों राज्यों के नागरिकों और प्रशासन के लिए स्पष्ट न्यायिक सीमा सुनिश्चित हो सकेगी। साथ ही, पहले जो क्षेत्र ‘ग्रे जोन’ माने जाते थे, उनमें अब पूरी तरह से विधिसम्मत सरकारी प्रशासनिक प्रणाली लागू हो पाएगी।
——–
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
