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एलिवेटेड रोड निर्माण में गुणवंता की अनदेखी कांग्रेस की गहलोत सरकार की लापरवाही — खर्रा

एलिवेटेड रोड निर्माण में गुणवंता की अनदेखी कांग्रेस की गहलोत सरकार की लापरवाही — खर्रा
एलिवेटेड रोड निर्माण में गुणवंता की अनदेखी कांग्रेस की गहलोत सरकार की लापरवाही — खर्रा

अजमेर, 4 जुलाई (Udaipur Kiran) । यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा शुक्रवार को अजमेर पहुंचे और उन्होंने ढाई सौ करोड़ की लागत से बने एलिवेटेड रोड का निरीक्षण किया। यूडीएच मंत्री ने अधिकारियों को मौके पर ही आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तकनीकी गुणवत्ता परखने में रही खामी को अधिकारियों को स्वीकार करना चाहिए। वे ऐसा नहीं कर सरकार के कोप के भागी बनेंगे। उन्होंने तंज किया अधिकारियों ने तो किताब पड़ी है किन्तु जन प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने जमीन पर बैठकर पढ़ाई पढ़ी है। उन्होंने कहा कि किसी की जिम्मेदारी तो बनती है कि रोड बनाए जाने में लापरवाही बरती गई। रोड के निर्माण में जितना कंप्रेशन चाहिए था मिट्टी को नहीं दिया गया इस लिए रोड धस गई।

इस मौके पर विधायक अनिता भदेल और उप महापौर नीरज जैन, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रमेश सोनी भी मौजूद थे। तीनों ने ही अजमेर जिला प्रशासन के अधि​कारियों के सामने मंत्री को बताया कि ऐसी ही स्थिति रोड के विभिन्न् हिस्सों की है। सड़कों गुणवत्ता घटिया है। निर्माण के समय गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने अपनी कमेटी बनाई है वह अपनी जांच करेगी। मंत्री स्तर पर कमेटी भी जांच करेगी। उन्होंने बताया कि अधिकारी जी शिड्यूल के तहत विभागीय रिपोर्ट बना कर दे। मंत्री ने कहा कि आरएसआरडीसी के आलाअधिकारियों को भी इसकी तकनीकी जांच रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्री ने कहा कि वे इसके बाद उन्हें एक ओर हाईपावर कमेटी बनानी पड़ेगी। जरूरी हुआ तो अलग से कमेटी बना कर जांच कराएंगे कि क्या निर्माण वास्तव में मानदण्ड़ों के आधार पर और नक्शे के अनुसार हुआ है। उन्होंने कहा कि जो भी तकनीकी अधिकारी जिम्मेदार है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मंत्री ने कहा कि इस मामले में महापौर और क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों की तरफ से पूर्व की अखबारों की कटिंग सहित उन्हें सूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि ब्रिज भले ही कांग्रेस के शासन काल में बना है किन्तु मामले में बड़े स्तर पर तकनीकी लापरवाही बरती गई है। उप महापौर ने बताया कि कांग्रेस के शासन में एलिवेटेड रोड बनने समय गुणवत्ता को लेकर उठाए गए सवालों की कोई सुनवाई नहीं हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री बिना किसी तकनीकी जांच और गुणवत्ता रिपोर्ट के ही रोड का उद्घाटन करने आ गए। तब के अखबारों में यह खबरे प्रकाशित हुई है। बाद में स्थिति यह हो गई कि भ्रष्टाचार की आड़ में अधिकारियों ने रोड का मूल नक्शा ही फाइल से गायब कर दिया है। उन्होंने इस मामले में नए सिरे से व गहराई से जांच कराने के आदेश दिए। यूडीएच मंत्री ने बाद में नगर निगम के अधिकारियों की भी बैठक ली। आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

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(Udaipur Kiran) / संतोष

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