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देश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई का दूसरा सबसे बड़ा योगदान : जीतन राम मांझी

प्रेस को संबोधित करते हुए केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी
प्रेस को संबोधित करते हुए केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी

– उद्यम पोर्टल पर 6.5 करोड़ एमएसएमई पंजीकृत, 28 करोड़ लोगों को मिला रोजगार

नई दिल्ली, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को देश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को दूसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाला बताया है। उन्होंने इस क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में कहा कि एमएसएमई भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) उत्पाद का 30.1 फीसदी हिस्सा है। उन्‍होंने कहा कि एमएसएमई देश में विनिर्माण का 35.4 फीसदी और निर्यात का 45.73 फीसदी हिस्सा है।

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री ने 3 जुलाई को मुंबई में विद्युत मापन उपकरण डिजाइन संस्थान (आईडीईएमआई) और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) कार्यालय का दौरा करके समीक्षा बैठक की। इसके संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उद्यम पोर्टल पर 6.5 करोड़ एमएसएमई इकाइयां पंजीकृत हैं और अबतक 28 करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। मांझी ने बताया कि 1 जुलाई, 2020 को लॉन्च किये गए उद्यम पोर्टल पर 3.80 करोड़ से अधिक इकाइयां पंजीकृत हैं। उन्‍होंने कहा कि अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों का समर्थन करने और उन्हें प्राथमिकता क्षेत्र ऋण जैसे औपचारिक लाभों तक पहुंच प्रदान करने के लिए 11 जनवरी, 2023 को लॉन्च किए गए उद्यम सहायता पोर्टल के डेटाबेस में 2.72 करोड़ से अधिक इकाइयां हैं। उन्‍होंने कहा कि इन 6.5 करोड़ एमएसएमई इकाइयों ने मिलकर आजतक 28 करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये योजना 18 व्यवसायों के कारीगरों और शिल्पकारों को अंतिम सहायता प्रदान करती है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के जरिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से एक प्रमुख ऋण-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है। माझी ने बताया कि इस कार्यक्रम ने 80.33 लाख लोगों को रोजगार हासिल करने में सहायता की। इनमें से 80 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा क‍ि सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट द्वारा स्थापना के बाद से 9.80 लाख करोड़ रुपये की 1.18 करोड़ से अधिक क्रेडिट गारंटी को क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएस) के तहत मंजूरी दी गई, जिसमें पिछले वित्‍त वर्ष 2024-25 में अकेले 3 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड क्रेडिट गारंटी दी गई। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि क्रेडिट गारंटी योजना के लाभार्थियों की संख्या 2029 तक तीन गुना बढ़ जाएगी।

मांझी ने संवाददाताओं से कहा कि सीजीएस के तहत महिला उद्यमियों और एससी/एसटी उद्यमियों को विशेष लाभ दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई समाधान पोर्टल एमएसएमई को विलंबित भुगतान के मुद्दों को सुलझाने में मदद करने के लिए एक ऑनलाइन मंच है। इसमें मामलों की संख्या वर्तमान में घटकर 44,000 रह गई है, जो अक्टूबर 2017 तक 93,000 थी।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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