
गांधीनगर, 4 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का स्वप्न देखा है, जिसे साकार करने में गांव महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। गांवों का विकास आगे बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि ग्राम पंचायतों के चुनाव ग्रामीणों की सर्वसम्मति से हों, ताकि वे विकास के कार्यों में उत्साह के साथ हिस्सा लें, चुनावों में अनावश्यक खर्च ना हो साथ ही गांव में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे।
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी उद्देश्य से 2001 में ‘समरस ग्राम पंचायत योजना’ शुरू की थी। इस योजना के अंतर्गत सर्वसम्मति से चुनी गई ग्राम पंचायतों, विशेष रूप से महिला समरस पंचायतों को विशेष अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में हाल ही में राज्य में आयोजित ग्राम पंचायत के चुनावों में इस योजना के प्रभावी परिणाम देखने को मिले हैं, जिसमें पाटण जिले की दो पंचायतें लगातार पांचवीं बार समरस घोषित हुई हैं।
ग्राम पंचायत के आम चुनाव में सरपंच सहित ग्राम पंचायत के सभी वार्डों के सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचित होने पर उसे ‘समरस ग्राम पंचायत’ घोषित किया जाता है, जबकि सरपंच सहित सभी वार्ड सदस्यों के रूप में महिलाओं के निर्विरोध निर्वाचित होने पर उसे ‘महिला समरस ग्राम पंचायत’ कहा जाता है। पाटण जिले की इलमपुर ग्राम पंचायत समरस ग्राम पंचायत योजना के अंतर्गत लगातार 5वीं बार ‘समरस’ और पहली बार ‘महिला समरस’ घोषित हुई है। अब अगले 5 वर्षों तक महिलाएं गांव का नेतृत्व संभालेंगी। लगातार 5वीं बार समरस बनने पर इलमपुर ग्राम पंचायत को 8.50 लाख का अनुदान दिया जाएगा। 35 वर्षीय केसरबेन मंगाजी ठाकोर इलमपुर ग्राम पंचायत की सरपंच हैं जबकि 8 अन्य सदस्य भी महिलाएं ही हैं, जिनकी उम्र 32 से 68 वर्ष के बीच है।
सरपंच केसरबेन ने कहा, 1100 से अधिक आबादी वाले हमारे इलमपुर गांव में आजादी के बाद से चुनाव ही नहीं हुए हैं। यहां लोग खेती और पशुपालन का व्यवसाय करते हैं। सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान से हम गांव का विकास सुनिश्चित करेंगे।
इलमपुर ग्राम पंचायत की तरह पाटण की चडासणा ग्राम पंचायत भी लगातार 5वीं बार समरस घोषित हुई है। चडासणा ग्राम पंचायत को भी इस उपलब्धि के लिए 8.50 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। 56 वर्षीय देसाई अमथीबेन दिनेशभाई चडासणा ग्राम पंचायत की सरपंच हैं। उनके अलावा पंचायत में 8 महिला सदस्य हैं। गांव की सरपंच कहती हैं, “हमारे गांव की आबादी 547 है और यहां सभी जाति के लोग भाईचारे और सौहार्द के साथ रहते हैं। यदि इलमपुर गांव हमेशा इसी प्रकार समरस बना रहेगा, तो गांव में सदैव शांति बनी रहेगी और गांव का विकास भी होता रहेगा।”
समरस ग्राम पंचायत योजना के अंतर्गत महिला समरस ग्राम पंचायत की पहल महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण है। हाल ही में राज्य में आयोजित ग्राम पंचायत के चुनावों में कुल 56 महिला समरस ग्राम पंचायतें घोषित की गई हैं, जिसकी शीर्ष-5 की सूची में मेहसाणा (9), पाटण (7), भावनगर (6), बनासकांठा (6) और वडोदरा (4) शामिल हैं। आगामी 4 जुलाई को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल राज्य की इन 56 महिला समरस ग्राम पंचायतों को गांव के विकास के लिए अनुदान राशि आवंटित करेंगे। इस अनुदान के जरिए गांव सुविधायुक्त बनेंगे।
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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad
