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फोरलेन निर्माण कार्य की होगी निशानदेही, भवन गिरने की जांच के लिए कमेटी गठित : उपायुक्त शिमला

उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक

शिमला, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला शिमला में फोरलेन निर्माण कार्य को लेकर उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में गुरुवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में हाल ही में भट्टाकुफर क्षेत्र में पांच मंजिला भवन के गिरने की घटना और फोरलेन निर्माण से उत्पन्न खतरे को लेकर गंभीर चर्चा हुई। उपायुक्त ने कहा कि इस घटना की जांच के लिए विशेष कमेटी का गठन किया गया है जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) पंकज शर्मा करेंगे।

कमेटी भवन गिरने के कारणों, नुकसान और प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। साथ ही यह कमेटी आसपास के उन घरों की भी जांच करेगी, जो फोरलेन निर्माण की कटिंग के चलते जोखिम में हो सकते हैं।

फोरलेन परियोजना पर निगरानी के लिए दूसरी कमेटी गठित

उपायुक्त ने जानकारी दी कि कैथलीघाट (जहां से शिमला जिले की सीमा शुरू होती है) से लेकर ढली तक फोरलेन निर्माण कार्य पर निगरानी के लिए दूसरी कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा की अध्यक्षता में काम करेगी, जिसमें लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, पुलिस, निर्माण कंपनी और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे।

यह कमेटी फोरलेन कार्य की निशानदेही करेगी और जांच करेगी कि निर्माण कंपनी द्वारा तय मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं। यदि किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कमेटी 27 किलोमीटर लंबे फोरलेन ट्रैक पर संभावित संवेदनशील क्षेत्रों की भी पहचान करेगी।

दो दिन में मांगी गई विस्तृत रिपोर्ट

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने एनएचएआई को निर्देश दिए कि दो दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इस रिपोर्ट में यह उल्लेख होना चाहिए कि फोरलेन निर्माण से जुड़ी खतरनाक जगहों को लेकर कंसल्टेंट द्वारा कब-कब रिपोर्ट दी गई और उसके बाद कंपनी द्वारा क्या-क्या कदम उठाए गए। साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और उसकी स्थिति की भी जानकारी दी जाए।

डंपिंग साइट्स का निरीक्षण और ड्रोन सर्वे

उपायुक्त ने कहा कि मानसून के चलते डंपिंग साइट्स के पास की जमीन पर खतरा उत्पन्न हो सकता है, इसलिए एनएचएआई और निर्माण कंपनी इन साइट्स का निरीक्षण करें। इसके अलावा पुलिस की सहायता से ड्रोन सर्वे कर संभावित खतरनाक क्षेत्रों की पहचान की जा रही है।

20 परिवार प्रभावित, मुआवजे की मांग

फोरलेन निर्माण कार्य के चलते लगभग 20 परिवार प्रभावित हुए हैं, जिन्होंने प्रशासन से आर्थिक सहायता और किराए की मांग की है। उपायुक्त ने एनएचएआई को निर्देश दिए कि इन मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाए। साथ ही लोक निर्माण विभाग को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त भवनों का मूल्यांकन कर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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