Uttrakhand

आईआईटी रुड़की एवं सी-मेट हैदराबाद ने की रणनीतिक साझेदारी,एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

हरिद्वार, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । आईआईटी रुड़की एवं भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी सामग्री केंद्र (सी-मेट) हैदराबाद के बीच ई-कचरा रीसाइक्लिंग एवं प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए हैं। एमओयू पर सी-मेट हैदराबाद के निदेशक डॉ. आर. रथीश एवं आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के. के. पंत ने हस्ताक्षर किए।

यह सहयोग दोनों संस्थानों के बीच संकाय, शोधकर्ताओं और छात्रों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को सुविधाजनक बनाने, ई-कचरे के पुनर्चक्रण के लिए अत्याधुनिक प्रक्रिया उपकरणों के विकास और कार्यशालाओं एवं सम्मेलनों की मेजबानी के लिए बनाया गया है।

इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के. के. पंत ने कहा, सी-मेट के साथ यह साझेदारी प्रभावशाली अनुसंधान के लिए एक मार्ग खोलती है।

सी-मेट के निदेशक डॉ. आर. रथीश ने कहा, हमें भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक आईआईटी रुड़की के साथ सहयोग करके खुशी हो रही है। यह समझौता उन्नत सामग्री और ई-कचरे की रीसाइक्लिंग में प्रौद्योगिकी विकास को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक डी. श्री सुरेन्द्र गोथरवाल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन, सी-मेट त्रिशूर के केंद्र प्रमुख डॉ. एस. राजेश कुमार, प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श (एसआरआईसी) के कुलशासक प्रो. विवेक कुमार मलिक, रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख प्रो. प्रसेनजीत मोंडल, धातुकर्म एवं सामग्री अभियांत्रिकी विभाग के प्रो. निखिल धवन व रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग की प्रो. कोमल त्रिपाठी की उपस्थिति रहीं।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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