Madhya Pradesh

अनूपपुर: खरीफ की शुरुआत उर्वरक का संकट: महंगे दाम में खरीदने मजबूर हो रहे किसा

खाली पडा विक्रय केंद्र

अनूपपुर, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले में खरीफ फसल की बोनी जारी है, किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शासकीय उर्वरक विक्रय केंद्र में किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध न होने के कारण उन्हें निजी दुकानों से इसकी खरीदी करनी पड़ रही है जो कि किसानों को 50 से 100 रुपए तक महंगा पड़ रहा है। जिले में 15 जून से 15 अगस्त तक बोनी का समय निर्धारित किया गया है, जहां 14 तरह के फसलों की बोनी जिले भर में इस वर्ष की जाएगी। जिले भर में इस वर्ष 1 लाख 87 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल की बोनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अनूपपुर सहकारी समिति में अभी तक 2999 किसान उर्वरक की खरीदी कर चुके हैं। वहीं वर्तमान में यहां पर 22 टन फास्फेट, 6 टन जिंक और एसएसपी पाउडर 3 टन बचा हुआ है। जो किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

नहीं मिल रहा डीएपी व यूरिया

किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हो इसके लिए कृषि विभाग ने 25 सहकारी समिति, 4 डबल लॉक केंद्र, 4 एफपीओ केंद्र और 14 निजी विक्रेता निर्धारित किए हैं। वर्तमान में सहकारी समिति और अन्य केंद में किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध नहीं हैं। जिस कारण किसानों को निजी उर्वरक विक्रय केंद्र में महंगे दाम पर इसकी खरीद करनी पड़ रही है। जिससे किसानों का कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है।

हर बार लौटना पड़ रहा वापस

किसान रविन्द्र पटेल निवासी पिपरिया ने बताया कि बारिश होने के साथ कृषि कार्य प्रारंभ हो चुके हैं लेकिन अभी तक सहकारी दुकानों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की उपलब्ध नहीं हो पाई है। किसान ने बताया कि कई दिनों से वह उर्वरक खरीदी के लिए अनूपपुर कृषि उपज मंडी परिसर के समीप स्थित सहकारी विक्रय केंद्र जा रहा है पर यूरिया नहीं मिल पा रहा है।

डीएपी न मिलने से हो रही परेशानी

किसान छत्रसाल राठौर निवासी ग्राम सिंदुरी ने बताया कि सहकारी उर्वरक खरीदी केंद्र में डीएपी खाद उपलब्ध न होने के कारण कृषि कार्य धीरे-धीरे पिछड़ते जा रहा है। अभी पर्याप्त बारिश हुई है जिसके कारण बोनी और थरहा रखने का काम किया जा सकता है लेकिन अभी जरूरी डीएपी नहीं मिल पा रहा है। 6 किलोमीटर दूर से आकर वापस लौटना पड़ रहा है।

बाहर से करनी पड़ रही खरीदी

ग्राम सकरिया के किसान रामकुमार ने बताया कि बोनी का कार्य लगातार पर्याप्त मात्रा में बारिश न होने के कारण पिछड़ते जा रहा है। दूसरी और एक-दो दिनों से अच्छी बारिश हुई है तो यहां फास्फेट और जिंक के अलावा कोई भी उर्वरक उपलब्ध नहीं है। मजबूरन निजी दुकान में इसकी खरीदी करनी पड़ेगी जहां अधिक मूल्य पर यह प्राप्त होगा। साथ ही नकली सामान मिलने का भी डर बना रहता है।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

Most Popular

To Top