

– गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर आध्यात्मिक महोत्सव
मीरजापुर, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर विंध्याचल धाम गुरुवार को वैदिक ऊर्जा से आलोकित हो उठा। माँ विंध्यवासिनी के चरणों में समर्पित इस अनूठे अनुष्ठान में जब भगवती सूक्त का सामूहिक उच्चारण हुआ, तो पूरा धाम श्रद्धा और अध्यात्म में डूब गया।
महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के आह्वान पर देशभर से आए वेदपाठी ब्राह्मणों (नेपाल, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश) ने एक स्वर में वेद मंत्रों का पाठ कर लोकमंगल और विश्वशांति की कामना की।
आचार्य अगस्त्य द्विवेदी के नेतृत्व में हुए इस अनुष्ठान ने वैदिक परंपरा, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक एकता की मिसाल पेश की। श्रद्धालु मंत्रोच्चार में लयबद्ध हो, इस दुर्लभ क्षण के साक्षी बने।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री सोहन लाल श्रीमाली ने भी शिरकत की। उन्होंने वेदपाठियों का माल्यार्पण कर सम्मान किया और कहा कि वेद सनातन संस्कृति की आत्मा हैं। इनका संरक्षण और प्रसार आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
श्रद्धालुओं ने भी अनुभव साझा करते हुए कहा कि माँ विंध्यवासिनी की आराधना का यह वैदिक स्वरूप अविस्मरणीय और आत्मिक शांति देने वाला रहा।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
