
काठमांडू, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की चार साल पहले की गईं 52 संवैधानिक नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने वैध करार देते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने 3-2 के बहुमत से फैसला सुनाया।
प्रधानमंत्री ओली के पिछले कार्यकाल में संसद के विघटन के बाद भी देश के सभी महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर नियुक्ति की गई थीं। इसके लिए अध्यादेश लाते हुए संवैधानिक परिषद के बैठकों की नियमावली बदली गई थी। ओली के इस फैसले के खिलाफ में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायक करते हुए नियुक्तियों को रद्द करने की मांग की गई थी।
चार साल तक सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में इसकी सुनवाई हुई। करीब 14 घंटे की लगातार बैठक के बाद मध्यरात करीब सवा 12 बजे सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने फैसले में सभी 52 नियुक्तियों को वैध करार दिया। प्रधान न्यायाधीश प्रकाशमान सिंह राउत, न्यायाधीश सपना प्रधान मल्ल, मनोज शर्मा, कुमार चुड़ाल और नहकूल सुवेदी ने फैसला सुनाया।
प्रधान न्यायाधीश राउत ने कहा कि उनके सहित एक और जज नहकूल सुवेदी ने इन सभी नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला किया है। लेकिन बाकी तीन जजों द्वारा इसको वैध करार देने का फैसला करने से बहुमत से इसे वैध रहने का फैसला किया गया है। वरिष्ठ न्यायाधीश सपना प्रधान मल्ल ने कहा कि नियुक्ति के चार साल बाद जब उनके से कुछ पदाधिकारी रिटायर्ड भी हो चुके हैं उनकी नियुक्ति को अवैध घोषित करना व्यावहारिक रूप से ठीक नहीं है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
